अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने 04 जनवरी 2018 को घोषणा की कि वह जल्द ही दो मिशन, गोल्ड और आइकॉन, लॉन्च करेगा. यह मिशन पृथ्वी के नजदीक के आयनमंडल को समझने के लिए महत्वपूर्ण होंगे.
नासा द्वारा जारी जानकारी के अनुसार ग्लोबल-स्केल ऑब्जर्वेशन ऑफ द लिम्ब एंड डिस्क' (गोल्ड) मिशन को जनवरी 2018 में लॉन्च किया जाएगा. इसके अलावा अंतरिक्ष यान 'आयनोस्फेयरिक कनेक्शन एक्सप्लोरर' (आइकान) को अगले वर्ष अंतरिक्ष में रवाना किया जाएगा. यह दोनों मिशन धरती और अंतरिक्ष की सीमा के बीच वाले क्षेत्र यानी आयनमंडल (आयनोस्फेयर) की पड़ताल करेंगे.
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नासा द्वारा जारी जानकारी
• पृथ्वी से लगभग 96 किलोमीटर ऊपर के अंतरिक्ष क्षेत्र को अभी तक अच्छी तरह नहीं समझा जा सका है, जिसके चलते नासा दो मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है.
• आइकॉन मिशन 560 किमी ऊपर से धरती की परिक्रमा करेगा. यह आयनमंडल के पास से उड़ान भरेगा.
• गोल्ड मिशन भू-भौगोलिक कक्षा यानी वेस्टर्न हेमिस्फिर से धरती की परिक्रमा करेगा.
• यह क्षेत्र धरती की सतह से करीब 35 हजार किमी ऊपर है.
• यह अंतरिक्ष यान आयनमंडल की पूरी आकृति तैयार करेगा.
• यह दोनों मिशन उस समय एक-दूसरे का सहयोग कर भी सकते हैं जब आइकॉन गोल्ड के पास से गुजरेगा.
आयनमंडल का अध्ययन क्यों?
आयनमंडल में सूर्य के विकिरण से अणु विद्युत आवेशित इलेक्ट्रॉन और आयन के संपर्क में आते हैं. धरती से प्रेषित रेडियो तरंगें भी इसी मंडल से परावर्तित होकर दोबारा पृथ्वी पर लौट जाती हैं. इसलिए विमानों, समुद्री जहाजों और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) उपग्रहों में रेडियो सिग्नलों के इस्तेमाल के लिए इस मंडल में मानवीय दबदबा बढ़ता जा रहा है. नासा ने कहा कि दोनों मिशन एक-दूसरे के पूरक हैं.
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