प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 08 मार्च 2018 को राजस्थान के झुंझूनू जिले में राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत की. राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत सभी बच्चों को उचित पोषण मिलना सुनिश्चित किया जायेगा.
राष्ट्रीय पोषण मिशन एक शीर्षस्थ निकाय के रूप में मंत्रालयों के पोषण संबंधी हस्तक्षेपों की निगरानी, पर्यवेक्षण, लक्ष्य निर्धारित करने तथा मार्गदर्शन करेगा. यह कार्यक्रम लक्ष्यों के माध्यम से ठिगनेपन, अल्प पोषाहार, रक्त की कमी तथा जन्म के समय बच्चे के वजन कम होने के स्तर में कमी के उपाय करेगा.
इससे बेहतर निगरानी समय पर कार्यवाही के लिए सावधानी जारी करने में तालमेल बिठाने तथा निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मंत्रालय और राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को कार्य करने, मार्गदर्शन एवं निगरानी करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
राष्ट्रीय पोषण मिशन के मुख्य तथ्य
• कुपोषण का समाधान करने हेतु विभिन्न योजनाओं के योगदान का प्रतिचित्रण.
• अत्यधिक मजबूत अभिसरण तंत्र प्रारंभ करना.
• आईसीटी आधारित वास्तविक समय निगरानी प्रणाली
• लक्ष्यों को प्राप्त करने वाले राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को प्रोत्साहित करना
• आईटी आधारित उपकरणों के प्रयोग के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों को प्रोत्साहित करना.
• आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों की ऊंचाई मापन प्रारंभ करना.
• सामाजिक लेखा परीक्षा.
• लोगों को जन आंदोलन के जरिए पोषण पर विभिन्न गतिविधियों आदि के माध्यम से शामिल करना, पोषण संसाधन केंद्रों की स्थापना करना इत्यादि शामिल है.
लक्ष्य
राष्ट्रीय पोषण मिशन का लक्ष्य ठिगनापन, अल्पपोषण, रक्ताल्पता (छोटे बच्चों, महिलाओं एवं किशोरियों में) को कम करना तथा प्रति वर्ष अल्पवजनी बच्चों में क्रमश: 2 प्रतिशत, 2 प्रतिशत, 3 प्रतिशत तथा 2 प्रतिशत की कमी लाना है. ठिगनेपन को कम करने का लक्ष्य भी 2 प्रतिशत है, मिशन वर्ष 2022 तक 38.4% (एनएफएचएस-4) से कम कर के 25% तक लाने का प्रयास करेगा.
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