माउंट एवरेस्ट का ऊंचाई बढ़ा, अब 8848.86 मीटर हुई ऊंचाई

Dec 9, 2020, 14:48 IST

नेपाल और चीन ने साझे तौर पर घोषणा किया है कि माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई तय हो गई है. यह साल 1954 में सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा मापी गई ऊंचाई से 86 सेंटीमीटर ज्यादा है.

Nepal and China announce revised height of Mount Everest as 8,848.86 metres in Hindi
Nepal and China announce revised height of Mount Everest as 8,848.86 metres in Hindi

दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 86 सेंटीमीटर बढ़ गई है. नेपाल और चीन ने दो साल तक सर्वे वर्क पूरा करने के बाद माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई की संयुक्त घोषणा की. इस घोषणा के बाद अब दुनिया की किताबों में भी एवरेस्ट की ऊंचाई के आंकड़ों में परिवर्तन हो जाएगा.

विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में वृद्धि को लेकर जारी अटकलों पर विराम लग गया है. नेपाल और चीन ने साझे तौर पर घोषणा किया है कि माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई तय हो गई है. यह साल 1954 में सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा मापी गई ऊंचाई से 86 सेंटीमीटर ज्यादा है.

माउंट एवरेस्‍ट की ऊंचाई

माउंट एवरेस्‍ट की ऊंचाई मौजूदा समय में 8848 मीटर मानी जाती है. अब नई ऊंचाई 8848.86 मापी गई है. ऐसे में विश्व की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई और बढ़ गई है. बता दें कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने की कोशिश पिछले साल शुरू की गई थी. इस बेहद जटिल कार्य का अंजाम देने के पिछले साल एक अभियान दल चोटी पर भेजा था. उधर, इस साल तिब्बत की तरफ से एवरेस्ट की ऊंचाई मापने के लिए भी एक अभियान दल भेजा.

इस पर विवाद: एक नजर में

चीनी अधिकारियों का कहना था कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई की गणना चट्टान की ऊंचाई के आधार पर की जानी चाहिए. उधर, नेपाल का मानना था कि इसकी ऊंचाई की गणना में जमी बर्फ की परत को भी शामिल करना चाहिए, क्योंकि पर्वतारोही वह दूरी भी तय करते हैं.

मापी कैसे हुई

पहाड़ों की ऊंचाई समुद्र तल से मापी जाती है. नेपाल ने मापी के लिए बंगाल की खाड़ी को चुना. भारत के पास बंगाल की खाड़ी से एवरेस्ट की मापी का आधार उपलब्ध था, जिसे उसने नेपाल को उपलब्ध करा दिया. नेपाल ने 250 किमी के दायरे में लाइन ऑफ साइट की शृंखला तैयार की. चीन ने पीत सागर को आधार बनाया. नेपाली सर्वेक्षणकर्ताओं ने जीपीएस की मदद ली, जबकि चीनियों ने इसके स्थानीय वर्जन की. मापी के लिए नेपाल के सर्वेक्षणकर्ताओं को दो साल का प्रशिक्षण भी दिया गया.

नेपाल में 2015 में आए विनाशकारी भूकंप

दरअसल, नेपाल सरकार का ऐसा अनुमान था कि साल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप सहित विभिन्न कारणों से चोटी की ऊंचाई में बदलाव आ सकता है. इसलिए चोटी की सही ऊंचाई को मापने का फैसला किया गया था. सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा साल 1954 में की गई माप के अनुसार, माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर थी.

वहीं, हिमालय पर रिसर्च करने वाली कई संस्थाएं और वैज्ञानिक कई बार खुलासा कर चुके हैं कि हिमालय पर्वत श्रृंखला में मौजूद दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माऊंट एवरेस्ट की ऊंचाई में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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