राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 24 अप्रैल 2020 को केंद्र और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक संयुक्त दल को कोविड-19 के अपशिष्ट को दिशानिर्देशों के तहत संभालने और वैज्ञानिक निपटान की निगरानी करने के निर्देश दिए.
एनजीटी ने कहा कि जैव चिकित्सा अपशिष्ट नियम के तहत संक्रामक बीमारी से निपटने के दौरान उत्पन्न कचरे को ठिकाने लगाया जाता है जबकि कोरोना वायरस महामारी ने ऐसे उत्पन्न अपशिष्ट को वैज्ञानिक तरीके से निपटने की क्षमता के समक्ष चुनौती बढ़ा दी है.
एनजीटी के अध्यक्ष ने क्या कहा?
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि कोविड-19 के अपशिष्ट के वैज्ञानिक भंडारण, परिवहन, रखरखाव, प्रबंधन और निपटाने को लेकर करीबी निगरानी रखी जाए क्योंकि इसमें लापरवाही से पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हो सकता है.
मुख्य बिंदु
• पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर, पर्यावरण मंत्रालय, स्वास्थ्य, शहरी विकास, जल शक्ति, रक्षा और सीपीसीबी का एक उच्च स्तरीय कार्य दल कोविड-19 के अपशिष्ट को दिशानिर्देशों के तहत संभालने और वैज्ञानिक निपटान की निगरानी करे.
• पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि राज्यों के पर्यावरण विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 का अनुपालन सुनिश्चित करें और कार्रवाई की रिपोर्ट सीपीसीबी को प्रस्तुत करें.
• सीपीसीबी को आगे के कदम उठाने होंगे और 3 मई 2020 तक एनजीटी को दिए गए उपायों और जमीनी स्थिति के बारे में समेकित रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. रिपोर्ट 15 जून तक प्रस्तुत की जा सकती है.
• एनजीटी ने हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा कोविड -19 मरीजों की क्वारंटाइन के दौरान उत्पन्न अपशिष्ट के हैंडलिंग, उपचार और निपटान के लिए जारी किए गए उपायों का भी अवलोकन किया है.
• एनजीटी ने दिशानिर्देशों के संशोधन की आवश्यकता व्यक्त की ताकि तरल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के वैज्ञानिक निपटान के सभी पहलुओं पर न केवल संस्थान स्तर पर बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी ध्यान रखा जाए, जैसे कि व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के निपटान के तरीके , इस्तेमाल किया बैग, दस्ताने, काले चश्मे आदि.
COVID-19 कचरे के वैज्ञानिक निपटान का महत्व
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अनुसार, COVID-19 कचरे का अनुचित संचालन पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. कोविड-19 के अपशिष्ट के वैज्ञानिक भंडारण, परिवहन, रखरखाव, प्रबंधन और निपटाने को लेकर करीबी निगरानी रखी जाए क्योंकि इसमें लापरवाही से पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हो सकता है.
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