इसरो-नासा का वर्ष 2023 के शुरू में संयुक्त उपग्रह परियोजना लॉन्च करने का है प्रस्ताव

Aug 2, 2021, 15:00 IST

NISER, जोकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) की एक संयुक्त परियोजना है, का उद्देश्य उन्नत रडार इमेजिंग का उपयोग करके भूमि की सतह में परिवर्तन का वैश्विक माप करना है. यहां पढ़ें सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी. 

NISER: ISRO-NASA joint satellite project proposed to be launched early 2023
NISER: ISRO-NASA joint satellite project proposed to be launched early 2023

पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने 30 जुलाई, 2021 को यह जानकारी दी है कि, इसरो-नासा के संयुक्त उपग्रह मिशन NISER (NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार) को वर्ष, 2023 के शुरू के महीनों में लॉन्च करने का प्रस्ताव है.

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, केंद्रीय मंत्री ने यह कहा कि, यह नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISER) अभी तक लॉन्च नहीं किया गया है.

NISER को वर्ष, 2023 के शुरू के महीनों में लॉन्च करने का प्रस्ताव है. जितेंद्र सिंह अंतरिक्ष विभाग के केंद्रीय मंत्री भी हैं.

भारत ने NISER (नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार) उपग्रह, एक संयुक्त इसरो-नासा मिशन लॉन्च करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य वर्ष, 2023 की शुरुआत में उन्नत रडार इमेजिंग का उपयोग करके भूमि की सतह में परिवर्तन का वैश्विक मापन करना है.

NISER: उद्देश्य

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) की इस संयुक्त परियोजना का उद्देश्य उन्नत रडार इमेजिंग का उपयोग करके भूमि की सतह में परिवर्तन का वैश्विक मापन करना है.

इस मिशन का प्रमुख वैज्ञानिक उद्देश्य पृथ्वी के बदलते पारिस्थितिक तंत्र, तटीय और भूमि की प्रक्रियाओं, क्रायोस्फीयर और भूमि विकृति पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की समझ में सुधार करना है.

NISER: हम क्या जानते हैं?

• NISER हिंद महासागर क्षेत्र और ध्रुवीय क्रायोस्फीयर सहित सभी भूमि द्रव्यमान पर वैश्विक अवलोकन के लिए इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के बीच एक संयुक्त पृथ्वी-अवलोकन मिशन है.
• NISER (NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार) एक डुअल-बैंड (L-बैंड और S-बैंड) रडार इमेजिंग मिशन है, जिसमें वनस्पति, भूमि, और क्रायोस्फीयर में मामूली परिवर्तनों का निरीक्षण करने के लिए ऑपरेशन के पूर्ण पोलरिमेट्रिक और इंटरफेरोमेट्रिक मोड की क्षमता समाहित है.
• नासा L-बैंड SAR और संबंधित सिस्टम विकसित कर रहा है, जबकि इसरो S-बैंड SAR, लॉन्च वाहन, अंतरिक्ष यान बस और संबंधित लॉन्च किए जाने वाले वाहनों का विकास कर रहा है.

पृष्ठभूमि

NISER (NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) की एक महत्वपूर्ण सहयोगी परियोजना है.

वर्ष, 2015 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस मिशन पर अपनी सहमति व्यक्त की थी.

Anjali is an experienced content developer and Hindi translator with experience in a variety of domains including education and advertising. At jagranjosh.com, she develops Hindi content for College, Career and Counselling sections of the website. She is adept at creating engaging and youth-oriented content for social platforms. She can be contacted at anjali.thakur@jagrannewmedia.com.
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News