Samvidhan Sadan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन जाने से पहले पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में अपना आखिरी भाषण दिया. अपने संबोधन में उन्होंने पुराने संसद भवन के लिए एक नया नाम सुझाया उन्होंने कहा कि हम नए संसद भवन में जा रहे है लेकिन पुराने भवन की गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि यदि आप सभी सहमति दे तो इस पुराने भवन को भविष्य में 'संविधान सदन' के नाम से जाना जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि हम इस पुराने भवन को 'पुराना संसद भवन' कहकर छोड़ नहीं सकते है.
Visuals from the special event held at Central Hall of the glorious #OldParliament building today.
— DD News (@DDNewslive) September 19, 2023
PM Modi made a suggestion that the building should now be known as 'Samvidhan Sadan'. #ParliamentSpecialSession @PMOIndia @narendramodi @VPIndia @ombirlakota @PiyushGoyal… pic.twitter.com/By4JmEZRHU
क्या है 'संविधान सदन':
पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन के लिए 'संविधान सदन' नाम सुझाया है और सभी सदस्यों से इस पर सहमति मांगी है. लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मंगलवार को समारोह के लिए पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में एकत्र हुए थे. भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
सेंट्रल हॉल में पीएम मोदी ने क्या कहा:
सेंट्रल हॉल में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि इस संसद में भारत की बहन-बेटियों को न्याय मिला, इसी संसद भवन ने आर्टिकल 370 को हटाया, सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से जुड़ा हुआ है. यही के प्रयासों से आज जम्मू-कश्मीर प्रगति की रह पर है.
साथ ही उन्होंने कहा कि यही से 4 हजार से ज्यादा कानून पास हुए. नए संसद भवन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब हम नए संसद भवन में नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने सेंट्रल हॉल में आकार सांसदों को संबोधित किया है. यही पर 1947 में अंग्रेजी हुकुमत ने सत्ता का हस्तांतरण किया. सेंट्रल हॉल उन ऐतिहासिक लम्हों का गवाह रहा है.
पीएम ने कहा कि हमारे राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार यहां संबोधन दिया गया. सेंट्रल हॉल में तिरंगे और राष्ट्रगान को अपनाया गया.
नया संसद भवन:
नए संसद भवन में लोकसभा कक्ष में 888 सदस्य और राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्य बैठ सकते हैं. दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए लोकसभा कक्ष में 1,280 सांसदों को बैठने की जगह मिल सकती है. इस त्रिकोणीय आकार की चार मंजिला इमारत का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर है. इसके तीन मुख्य द्वार हैं - ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार साथ ही वीआईपी, सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं.
पुराने भवन का क्या होगा?
ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया प्रतिष्ठित संसद भवन न केवल स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का गवाह बना, बल्कि उसके बाद देश के उत्थान का भी गवाह बना है. इमारत को ध्वस्त नहीं किया जाएगा और संसदीय कार्यक्रमों के लिए अधिक कार्यात्मक स्थान प्रदान करने के लिए इसे "रेट्रोफिट" किया जाएगा.
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