संसद ने 02 अगस्त 2016 को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी, विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान (संशोधन) विधेयक 2016 पारित कर दिया.
लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है. राज्यसभा ने भी इसे पारित कर दिया.
विधेयक के बारे में-
- विधेयक में आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) की स्थापना एवं उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्रदान करने वाले एक विधेयक को आज संसद की मंजूरी मिल गयी.
- यह संस्थान पहले से ही अस्थाई परिसर में संचालित किया जा रहा है.
- आंध्र प्रदेश में स्थित राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईआईटी) के लिए इस वर्ष 40 करोड रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है.
- दो महीने में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट आने पर आवश्यक धनराशि जारी की जायेगी.
- मंत्री जावड़ेकर के अनुसार ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के संदर्भ में उच्च शिक्षा वित्त पोषण पहल को आगे बढ़ाया गया है. इसके लिए बजटीय प्रावधान किया गया है.
- विधेयक में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए वित्तीय प्रावधान किये गए हैं. जिसमें से 40 प्रतिशत राशि अनुसंधान एवं नवोन्मेष के लिए खर्च होगी.
- सरकार आईआईटी-पाल नाम की एक सुविधा लेकर आई है.
- इसके तहत जेईई की परीक्षा ऑनलाइन देने वाले अभ्यर्थियों को नि:शुल्क कोचिंग जैसी सुविधाएं मिलेंगी.
- आईआईटी, एनआईटी में एससी, एसटी, ओबीसी की फीस पूरी तरह से माफ है.
- एनआईटी संस्थानों में शिक्षकों के 25 प्रतिशत पद खाली हैं और सभी जगह रिक्तियों को भरने के प्रयास किए जा रहे हैं.
- इन संस्थानों के लिए 2013..14 में 2,100 करोड़ रुपये का बजट था. 2014..15 में 2,300 करोड़ रुपये, 2015..16 में 2,500 करोड़ रुपये का बजट और इस वर्ष के लिए 2645 करोड़ रुपये का बजट है.
- संशोधन के बाद यह विधेयक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विज्ञान शिक्षा अनुसंधान संस्थान अधिनियम 2007 का स्थान लेगा.
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विज्ञान शिक्षा अनुसंधान संस्थान अधिनियम 2007 कुछ प्रौद्योगिकी संस्थाओं को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने का उपबंध करता है,
- इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, शिक्षा, विज्ञान और कला शाखाओं में अनुदेशों एवं अनुसंधान का प्रावधन करता है.
- इसके साथ ही ऐसी शाखाओं में शिक्षण को अग्रसर करने और जानकारी के प्रसार का प्रावधान करता है.
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