प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मई, 2021 को बच्चों के लिए PM-CARES योजना के तहत, COVID-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए कई उपायों को मंजूरी दी है.
इन उपायों में मुफ्त शिक्षा और प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये का कोष बनाना शामिल है, जो उन्हें 23 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर दिया जाएगा.
COVID-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों का समर्थन करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करने और विचार-विमर्श करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक के दौरान ये निर्णय लिए गए.
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि, बच्चे देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और भारत बच्चों का समर्थन और सुरक्षा करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा ताकि वे एक मजबूत नागरिक के तौर पर विकसित हों और उनका भविष्य उज्ज्वल बन सके.
बच्चों के लिए PM-CARES योजना: मुख्य विशेषताएं
• COVID-19 के कारण अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता को खोने वाले सभी बच्चों को PM-CARES फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत सहायता दी जाएगी.
• इस योजना के तहत योगदान PM-CARES फंड के माध्यम से तब तक किया जाएगा जब तक कि वे 18 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेते, ताकि COVID-19 के कारण अनाथ प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये का कोष तैयार किया जा सके.
• इन अनाथ बच्चों को इस अवधि के दौरान, उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं की देखभाल करने के लिए 18 वर्ष से शुरू होकर 23 वर्ष पूर्ण करने तक पांच वर्षों के लिए मासिक वजीफा दिया जाएगा.
• जब बच्चे 23 साल के हो जाएंगे, तो उन्हें पेशेवर या निजी इस्तेमाल के लिए 10 लाख रुपये की पूरी राशि दी जाएगी.
• PM-CARES फॉर चिल्ड्रन योजना ऐसे बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करेगी. 10 साल से कम उम्र के बच्चों को डे स्कॉलर के तौर पर नजदीकी केंद्रीय विद्यालयों या निजी स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा.
• नोटबुक, पाठ्यपुस्तकें और यूनिफॉर्म खरीदने सहित बच्चे की शिक्षा से संबंधित सभी खर्चों को PM-CARES फंड के तहत पूरा किया जाएगा.
पृष्ठभूमि
कोरोना वायरस महामारी के कारण लगभग 577 बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है. केंद्र सरकार राज्य सरकारों के समन्वय से इन सभी अनाथ बच्चों की लगातार निगरानी कर रही है.
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