प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 मई 2017 को देश के प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की मौजूदगी में सुप्रीम कोर्ट की एकीकृत मुकदमा प्रबंधन प्रणाली की शुरूआत की.
इस प्रणाली से वादियों को आंकड़ें हासिल करने और ऑनलाइन सूचना हासिल करने में मदद मिलेगी तथा यह सुप्रीम कोर्ट में कागज रहित काम की दिशा में एक अहम कदम होगा.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
जस्टिस जेएस खेहर ने कहा की सुप्रीम कोर्ट डिजिटल बनने की शुरुआत कर रहा है. वह सभी 24 उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में एकीकृत प्रणाली शुरू करने का प्रस्ताव रखते हैं. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी, हेरफेर कम होगा और वादी को वास्तविक समय में अपने मुकदमे की प्रगति के बारे में जानने में मदद मिलेगी.
इस सुविधा से केंद्र और राज्य सरकार के प्रत्येक विभाग को यह पता चल जाएगा कि क्या उन्हें मामले में पक्षकार बनाया गया और उन्हें इसी के अनुसार तैयारी करने में मदद मिलेगी.
अदालत के शुल्क और प्रक्रिया शुल्क की गणना ऑनलाइन की जाएगी, जिससे वादी को इसमें आने वाली लागत का पता लग जाएगा.
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