प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च की व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी, जानिए आपकी गाड़ी पर क्या होगा असर

Aug 13, 2021, 15:52 IST

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी' की शुरूआत करते हुए कहा कि 'व्हीकल स्क्रैपिंग' पर्यावरण के अनुकूल तरीके से, अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने में मदद करेगी.

Vehicle Scrapping Policy
Vehicle Scrapping Policy

केंद्र सरकार ने देश के लिए नई स्क्रैप पॉलिसी जारी की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अगस्त 2021 को व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी (Vehicle Scrappage Policy) लॉन्च कर दी है. व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी सरकार की कुछ बड़ी योजनाओं में से है, जिसपर पिछले कुछ सालों में फोकस में रखा गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात में इन्वेस्टर समिट में इस पॉलिसी को लॉन्च किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के पहले इसे बड़ा कदम बताया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2021 के केंद्रीय बजट में इस पॉलिसी को पेश किया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी' की शुरूआत करते हुए कहा कि 'व्हीकल स्क्रैपिंग' पर्यावरण के अनुकूल तरीके से, अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने में मदद करेगी. 'बर्बादी से समृद्धि' कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.' उन्होंने कहा कि यह नीति आवागमन में आधुनिकता, यात्रा और परिवहन के दबाव को कम करेगी और आर्थिक विकास के लिए सहायक साबित होगी.

यह पॉलिसी क्यों लाई गई है?

केंद्र सरकार का उद्देश्य सड़कों से पुरानी गाड़ियों को हटाकर वायु प्रदूषण और सड़कों पर वाहनों का दबाव कम करना है. केंद्रीय परिवहन मंत्री गडकरी ने बताया था कि भारत में 51 लाख हल्के मोटर वाहन है जो 20 वर्ष से अधिक पुराने हैं और 34 लाख हल्के मोटर वाहन जो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं.

वैध फिटनेस प्रमाण-पत्र के बिना लगभग 17 लाख मध्यम और भारी कॉमर्शियल वाहन है जो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं. पुराने वाहन फिट वाहनों की तुलना में 10 से 12 गुना अधिक पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं और सड़क सुरक्षा के लिए एक भारी भी जोखिम बनते हैं.

फायदे क्या होंगे?

स्क्रैपिंग की वजह से जो स्क्रैप मटीरियल तैयार होगा उससे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को सस्ते दाम में कच्चा माल प्राप्त होगा, उससे वाहन बनाने की लागत कम होगी. स्क्रैप मटीरियल से ऐसी चीजें भी प्राप्त होंगी जो इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी के रिसर्च में काम आएंगी.

वाहन के मालिक को व्हीकल का स्क्रैप मूल्य जो लगभग 4 से 6 प्रतिशत होता है वो उसे मिलेगा और एक स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट भी मिलेगा. स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के आधार पर नया वाहन खरीदने के लिए पांच प्रतिशत की छूट भी मिलेगी और रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स में भारी छूट भी मिलेगी.

स्क्रैपेज पॉलिसी क्या है?

नई स्क्रैप पॉलिसी में डीजल और पेट्रोल के प्राइवेट वाहनों के लिए 20 साल तक चलने की इजाजत दी गई है. 20 साल से अधिक पुराने प्राइवेट व्हीकल यदि ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्ट पास करने में फेल हो जाते हैं या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रिन्यू नहीं कराते हैं तो 01 जून 2024 से खुद से रजिस्ट्रेशन खत्म हो जाएगा.

इस पॉलिसी के तहत कमर्शियल गाड़ियों को 15 साल और प्राइवेट व्हीकल को 20 साल बाद कबाड़ किया जाएगा. हालांकि, नए नियम के चलते अब गाड़ी की उम्र देखकर ही स्क्रैप नहीं किया जाएगा, बल्कि फिटनेस टेस्ट में अनफिट होने पर भी स्क्रैप किया जाएगा.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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