प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 मार्च 2018 को मणिपुर की राजधानी इंफाल में 105वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में देश-विदेश के वैज्ञानिक, विद्वान और कॉरपोरेट अधिकारियों सहित करीब 5,000 प्रतिनिधि शामिल हुए. खास बात यह है कि 5,000 प्रतिनिधियों में से 2,000 वैज्ञानिक हैं.
पांच दिनों के इस कार्यक्रम में बहुत सारे विषयों पर चर्चा परिचर्चा भी की जाएगी, जिसमें विज्ञान सभी के लिए, समावेशी सामाजिक विकास के लिए विज्ञान और तकनीक और नई खोज के जरिए फासलों को मिटाना जैसे विषय काफी महत्वपूर्ण हैं.
थीम:
इस बार के विज्ञान कांग्रेस की थीम है:-विज्ञान और तकनीक से दूर लोगों तक इसकी पहुंच को आसान बनाना.
उद्घाटन से संबंधित मुख्य तथ्य:
ये दूसरी बार है जब भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन उत्तर-पूर्व के राज्यों में किया जा रहा है. साइंस कांग्रेस का जोर आम आदमी तक विज्ञान का लाभ पहुंचाकर सतत विकास को बढ़ावा देना है.
मणिपुर विश्वविद्यालय पहली बार विज्ञान कांग्रेस का आयोजन कर रहा है. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला भी रखी. उन्होंने मैरीकॉम क्षेत्रीय बॉक्सिंग फाउडेंशन का उद्घाटन किया और कई अन्य विकास परियोजनाओं की भी शुरूआत की.
इस अवसर पर उन्होंकने वैज्ञानिकों से शोध कार्यों को देश के विकास के लिए उपयोगी बनाने का आग्रह किया.
भारतीय विज्ञान कांग्रेस:
भारतीय विज्ञान कांग्रेस भारतीय वैज्ञानिकों की शीर्ष संस्था है. इसकी स्थापना सन् 1914 में हुई थी. इसकी स्थापना का उद्देश्य भारत में विज्ञान को बढ़ावा देने के लिये किया गया था.
भारतीय विज्ञान कांग्रेस के आरंभ से ही भारत के महान वैज्ञानिक, शिक्षाविद् एवं राजनेता इस संस्था से जुड़े रहे. भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ ने भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास में अहम भूमिका निभाई है. भारतीय साइंस कांग्रेस की स्थापना का मुख्य उद्देश्य भारत में आधुनिक विज्ञान को आगे बढ़ाना एवं समाज के विकास के लिए इसका सही उपयोग करना है.
विज्ञान कांग्रेस की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें विदेशों से नोबेल विजेता वैज्ञानिक भी सम्मिलित होते हैं. इस दौरान लगने वाली वैज्ञानिक प्रदर्शनी आम लोगों का ध्यान खींचती है. इस आयोजन ने आम जनता को विज्ञान शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान के महत्व को समझाने में भी मदद की है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation