Kashi Vishwanath Corridor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर राष्ट्र को समर्पित कर दिया. इस मौके को केंद्र और यूपी सरकार ने विशाल और व्यापक कार्यक्रम बना दिया है. विश्वनाथ धाम पहुंचने से पहले पीएम मोदी ने यहां के कोतवाल काल भैरव का भी पीएम मोदी ने आशीर्वाद लिया. पीएम मोदी ने कहा कि बनारस वो नगर है जहां से जगद्गुरू शंकराचार्य को डोम राजा की पवित्रता से प्रेरणा मिली, उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधने का संकल्प लिया.
ये प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस परियोजना पर लंबे समय काम किया जा रहा था और लगभग 32 महीने में बाबा के पूरे परिसर का कायाकल्प हो गया. अब बाबा विश्वनाथ मंदिर का विस्तार गंगा तट तक है. इस विशाल परियोजना से वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर लोकार्पण कार्यक्रम को एतिहासिक बनाने के लिए काशी के 8 लाख घरों में लड्डू बांटने की तैयारी है.
प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2019 में काशी विश्वनाथ गलियारे की आधारशिला रखने के बाद कहा था कि यह परियोजना मंदिरों की रक्षा एवं संरक्षण और प्राचीन आस्था के साथ आधुनिक तकनीक के संयोजन के लिए एक मॉडल होगी. प्रधानमंत्री मोदी का भगवान शिव के तीर्थयात्रियों और भक्तों की सुविधा के लिए लंबे समय से एक दृष्टिकोण था.
काशी विश्वनाथ धाम की मुख्य बातें
लगभग सवा 5 लाख स्क्वायर फीट में बना काशी विश्वनाथ धाम बनकर पूरी तरह तैयार है. इस भव्य कॉरिडोर में छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं. अब काशी विश्वनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को गलियों और तंग संकरे रास्तों से नहीं गुजरना पड़ेगा. इस पूरे कॉरिडोर को लगभग 50,000 वर्ग मीटर के एक बड़े परिसर में बनाया गया है.
इस कॉरिडोर को तीन भागों में बांटा गया है. इसमें चार बड़े-बड़े गेट और प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं. इनमें काशी की महिमा का वर्णन किया गया है. इसके अतिरिक्त इस कॉरिडोर में मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, तीन यात्री सुविधा केंद्र, चार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपस हॉल, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी जैसी सुख-सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है.
जानें काशी विश्वनाथ मंदिर का महत्व
काशी विश्वनाथ मंदिर का हिंदू धर्म में एक विशिष्ट स्थान है. काशी को सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है. मान्यता है कि भगवान विश्वनाथ यहां ब्रह्मांड के स्वामी के रूप में निवास करते हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. ये ज्योतिर्लिंग मंदिर गंगा नदी के पश्चिम घाट पर स्थित है. काशी को भगवान शिव और माता पार्वती का सबसे प्रिय स्थान माना जाता है.
काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास
गंगा तट से मंदिर के गर्भगृह तक बने काशी विश्वनाथ धाम का यह नया स्वरूप 241 साल दुनिया के सामने आ रहा है. इतिहासकारों के अनुसार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पर वर्ष 1194 से लेकर 1669 तक कई बार हमले हुए. मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने 1777 से 1780 के बीच मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. पीएम मोदी ने ढाई दशक बाद आठ मार्च 2019 को मंदिर के इस भव्य दरबार का शिलान्यास किया था.
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