वैज्ञानिकों ने लोगों की आयु को लंबी करने वाली प्रोटीन की थ्री-डी संरचना का खुलासा किया है, जो मधुमेह, मोटापे और कुछ प्रकार के कैंसर के इलाज में मददगार साबित हो सकता है. इस अध्ययन का प्रकाशन नेचर (पत्रिका) में किया गया है.
क्लोथो प्रोटीन:
• जीवन काल को लंबा करने वाली प्रोटीन को क्लोथो नाम दिया गया है. एक ग्रीक देवी के नाम पर इस प्रोटीन का नाम रखा गया है.
• ये प्रोटीन कुछ खास ऊतकों की सतह पर होते हैं. ये प्रोटीन हॉर्मोनों के एक परिवार को जोड़ते हैं जिन्हें फाइब्रोब्लास्ट ग्रोथ फैक्टर्स (एफजीएफ) कहा जाता है.
• वे अन्य अंगों के साथ यकृत, गुर्दा और मस्तिष्क में उपापचय की अहम प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं.
• अमेरिका के येल विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि बीटा-क्लोथो एफजीएफ21 को जोड़ने वाला प्राथमिक रिसेप्टर होता है. एफजीएफ21 एक ऐसा अहम हॉर्मोन है जो उपवास के दौरान पैदा होता है.
• ये प्रोटीन हार्मोन्स के एक वर्ग को जोड़ते हैं जो एफजीएफ का अंत:स्नाव करता है. एफजीएफ लिवर, किडनी और मस्तिष्क समेत शरीर के दूसरे अंगों में मेटाबोलिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है.
• शोधकर्ता नयी दवाओं का विकास करके, डायबिटीज और मोटापे जैसी बीमारियों का खात्मा कर सकते हैं.
• शोधकर्ताओं ने बीटा क्लोथो की कार्यप्रणाली को समझने के लिए एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी का इस्तेमाल किया.
नेचर (पत्रिका):
यह ब्रिटिश की एक प्रमुख वैज्ञानिक पत्रिका है. यह पहली बार 4 नवम्बर 1869 को प्रकाशित की गयी थी. दुनिया की अंतर्विषय वैज्ञानिक पत्रिकाओं में इस पत्रिका का उल्लेख सबसे उच्च स्थान पर किया जाता है. अब तो अधिकांश वैज्ञानिक पत्रिकाएं अति-विशिष्ट हो गयीं हैं और नेचर उन गिनी-चुनी पत्रिकाओं में से है. वैज्ञानिक अनुसंधान के ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें किये जाने वाले नए और महत्वपूर्ण विकासों की जानकारी तथा शोध-सम्बन्धी मूल-लेख या पत्र ‘नेचर’ में प्रकाशित किये जाते हैं.
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