UNEP’s 2022 Champions of the Earth: भारत की पूर्णिमा देवी बर्मन यूएन के सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ 2022 से सम्मानित किया गया है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने वन्यजीव जीवविज्ञानी पूर्णिमा देवी बर्मन को यह अवार्ड पारिस्थितिकी तंत्र के बचाव में किये गए उनके योगदान के लिए दिया है.
डॉ पूर्णिमा देवी बर्मन को एंटरप्रेन्योरियल विजन श्रेणी में UNEP के चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड से सम्मानित किया गया है. पूर्णिमा देवी बर्मन जो हरगिला आर्मी (Hargila Army) का नेतृत्व करती हैं, जो ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क (Greater Adjutant Stork) को विलुप्त होने से बचाने के लिए समर्पित मूवमेंट है.
Wildlife biologist Dr. Purnima Devi Barman @storksister of India leads the “Hargila Army,” an all-female movement protecting the Greater Adjutant Stork from extinction.
— UN Environment Programme (@UNEP) November 23, 2022
She’s the 2022 “Entrepreneurial Vision” #EarthChamps winner: https://t.co/7L7yJv2YPp #GenerationRestoration pic.twitter.com/SaDXeeCBEP
यूएनईपी चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ अवार्ड-2022:
- एंटरप्रेन्योरियल विजन कैटेगरी: डॉ पूर्णिमा देवी बर्मन को एंटरप्रेन्योरियल विजन श्रेणी में UNEP के चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड दिया गया.
- इंस्पिरेशन एंड एक्शन कैटेगरी: इस श्रेणी का अवार्ड लेबनान की एक प्रमुख पर्यावरण उद्यम आर्सेनसील (Arcenciel) को दिया गया है, जो स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए देश की राष्ट्रीय अपशिष्ट प्रबंधन की नींव रखी है.
- इसी कैटेगरी में ही कैमरून की सेसिल बिबिएन एनडेबेट (Cecile Bibiane Ndjebet) को सम्मानित किया गया है, जो अफ्रीका में महिलाओं के अधिकारों के लिए कार्य करती है.
- इंस्पिरेशन एंड एक्शन कैटेगरी में ही पेरू के कॉन्स्टेंटिनो औका चुटास ( Constantino Aucca Chutas) को भी सम्मानित किया गया है. उन्होंने स्थानीय और स्वदेशी समुदायों द्वारा संचालित एक सामुदायिक वनीकरण मॉडल का नेतृत्व किया है, जिसके तहत देश में तीन मिलियन पेड़ लगाए गए हैं.
- साइंस एंड इनोवेशन कैटेगरी: इस श्रेणी में यूनाइटेड किंगडम के सर पार्थ दासगुप्ता को सम्मानित किया गया है, जिन्होंने जैव विविधता के अर्थशास्त्र पर ऐतिहासिक समीक्षा पेश की है.
पर्यावरण संरक्षण में पूर्णिमा देवी का योगदान:
हरगिला आर्मी का नेतृत्व करने के लिए उन्हें यह अवार्ड दिया गया है. जो पूर्ण रूप से महिलाओं द्वारा संचालित कार्यक्रम है. उन्होंने अपने प्रयास से यह शिद्ध किया कि मानव और वन्य जीवन के बीच संघर्ष को सभी के लाभ के लिए सुलझाया जा सकता है.
बर्मन के अग्रणी संरक्षण कार्य ने हजारों महिलाओं को सशक्त बनाया है और उद्यमियों का निर्माण किया है और उनके आजीविका में सुधार किया है.
उन्होंने आर्द्रभूमि के नुकसान का उन प्रजातियों पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव के बारें में भी बताया और उनके संरक्षण पर कार्य भी किया है.
पूर्णिमा देवी बर्मन के बारें में:
पूर्णिमा देवी बर्मन भारत की एक वन्यजीव जीवविज्ञानी हैं जो असम राज्य से सम्बंधित है. जो हरगिला आर्मी का नेतृत्व करती है. यह सारस पक्षी के संरक्षण से जुड़ा एक मूवमेंट है.
पूर्णिमा देवी बर्मन ने असम गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से पारिस्थितिकी और वन्यजीव जीव विज्ञान में विशेषज्ञता के साथ जूलॉजी में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है.
अवार्ड्स:
पूर्णिमा देवी बर्मन को तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा वर्ष 2017 की नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. साथ ही 2017 में ही उन्हें यूनाइटेड किंगडम की प्रिंसेस रॉयल ऐनी द्वारा उन्हें एक व्हिटली पुरस्कार (Whitley Award) से भी सम्मानित किया गया था.
वर्ष 2009 में द फ्यूचर कंजर्वेशनिस्ट अवार्ड और वर्ष 2015 में कंजर्वेशन लीडरशिप प्रोग्राम से लीडरशिप अवार्ड 2015 प्रदान किया गया था. पूर्णिमा देवी बर्मन को वर्ष 20१६ में यूएनडीपी इंडिया जैव विविधता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
यूएनईपी चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ अवार्ड:
इस अवार्ड की स्थापना वर्ष 2005 में की गयी थी, जो संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान है. पर्यारण संरक्षण में सहयोग करने वाले लोगों को इस अवार्ड से सम्मानित किया जाता है. आज की तारीख तक यह अवार्ड 111 बार दिया जा चुका है जिसमे 26 वर्ड लीडर, 69 व्यक्ति और 16 संगठन शामिल है.
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