भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा हेतु निकट भविष्य में नई साज सज्जा और उन्नत सुविधा वाले लगभग 40,000 डिब्बे अपने बेड़े में और जोड़ने की घोषणा की है. इस पर 8,000 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान व्यक्त किया गया है.
रेलवे के मौजूदा कोचों में सुरक्षाके उपायों को और मजबूत किया जाएगा. जिसके तहत इनमें मजबूत कपलर लगाये जायेंगे ताकि दुर्घटना के समय बोगियों के पलटने का खतरा कम हो.
इन डिब्बों की साज सज्जा और इनमें बैठने की व्यवस्था को बेहतर बनाया जायेगा और शौचालय भी आधुनिक तरीके के बनाए जाएँगे. इस काम पर प्रति कोच 30 लाख रुपये का खर्च आयेगा. इस कार्य पांच वर्ष की अवधि निर्धारित की है.
प्रमुख तथ्य-
- रेल मंत्रालय के अनुसार 2023 तक रेलवे में 40,000 नई सुविधाओं वाले डिब्बों को शामिल कर दिया जायेगा.
- चालू वित्त वर्ष के दौरान ऐसे 1,000 डिब्बे जोड़े जायें.
- अगले वित्त वर्ष में यह संख्या बढ़कर 3,000 तक पहुंच जायेगी और उसके बाद अगले वित्त वर्ष में यह संख्या 5,500 तक पहुंच जायेगी.
- अधिकारी ने बताया कि 2018-19 से लेकर 2022-23 के दौरान रेलवे सालाना आधुनिक सुविधाओं वाले 15,000 नये डिब्बों का विनिर्माण करने लगेगी.
- रेलवे इसके साथ ही सभी परंपरागत डिब्बों को सेंटर बफलर कपलर की सुरक्षा सुविधा से लैस करने का भी विचार कर रही है.
- रेलवे जल्द ही पुरी – अहमदाबाद एक्सप्रेस के पारंपरिक कोचों के स्थान पर लिंक हाफमैन बुश र्एलएचबी कोचों को लगाएगा जिससे कि यात्रियों की सुरक्षा को मजबूत बनाया जा सके.
- इन कोचों को अधिक यात्रियों को ले जाने की क्षमता विकसित करने के हिसाब से बनाया गया है और इनकी गति भी 160 किलोमीटर प्रति घंटा है
- वर्तमान में राजधानी एक्सप्रेस, पुरूषोत्तम एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी यात्री गाड़ियां में एलएचबी कोच लगाए गए हैं.
एलएचबी कोच के बारे में-
- एलएचबी कोच एंटी टेलीस्कोपिक तकनीक से लैस हैं जो कि किसी हादसे के समय कोचों के एक दूसरे पर चढ़ने या पटरी से उतरने से रोकती है.
- 14 जून से 18405 पुरी -अहमदाबाद एक्सप्रेस और 16 जून से अहमदाबाद -पुरी एक्सप्रेस को इन एलएचबी कोचों के साथ चलाने का फैसला किया है.
- एलएचबी कोच युक्त 12888 पुरी – हावड़ा एक्सप्रेस और 12887 हावड़ा – पुरी एक्सप्रेस ट्रेन को क्रमश: 18 और 19 जून से चलाया जाएगा.
- सभी पारंपरिक कोचों को चरणबद्ध तरीके से एलएचबी कोचों में बदला जाएगा.
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