वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेश गेरा को 31 मई, 2022 को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है. यह जानकारी कार्मिक मंत्रालय ने हाल ही में जारी एक आदेश में दी. राजेश गेरा वर्तमान में एनआईसी के उप महानिदेशक हैं.
राजेश गेरा 31 साल से अधिक समय से एनआईसी से जुड़े हुए हैं. मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने आदेश में कहा है कि एनआईसी के महानिदेशक के रूप में वैज्ञानिक राजेश गेरा की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. राजेश गेरा इससे पहले एनआईसी में सैटेलाइट नेटवर्क डिवीजन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग डिवीजन एवं आधार प्रमाणीकरण डिवीजन सहित कई प्रमुख डिवीजनों का नेतृत्व कर चुके हैं.
राजेश गेरा के बारे में
राजेश गेरा ने स्वास्थ्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, नीति आयोग, पीएमओ, कैबिनेट सचिवालय, अध्यक्ष सचिवालय, श्रम और रोजगार सूचना विज्ञान प्रभाग और असंगठित श्रमिकों के राष्ट्रीय डेटाबेस (NDUW) परियोजना के तहत कई प्रभागों का नेतृत्व किया है. राजेश गेरा ने 1984 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी वाराणसी से ऑनर्स के साथ बी.टेक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) पूरा किया.
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र: एक नजर में
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) भारत सरकार का सूचना प्रौद्योगिकी में प्रमुख विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की स्थापना साल 1976 में की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य केंद्र एवं राज्य सरकारों को प्रौद्योगिकी-संचालित समाधान प्रदान करना है.
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ने पिछले तीन दशकों से देश-भर में ई-शासन अभियान चलाने हेतु सरकार के प्रयासों में सहायता करने तथा बेहतर और अत्यधिक पारदर्शी शासन प्रदान करने के लिए मजबूत नींव बनाने के लिए नेतृत्व किया है. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, भारत सरकार में सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) समाधानों के कार्यान्वयन और उनके सक्रिय संवर्धन में सबसे आगे है.
यह नागरिकों को सरकारी सेवाएं प्रदान करने एवं डिजिटल इंडिया की पहल को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाता है. केंद्र और राज्य सरकारों को प्रौद्योगिकी संचालित समाधान प्रदान करने के प्रमुख उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई थी.
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