भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रमुख ब्याज दरों पर मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले की घोषणा की. आरबीआई ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.
बता दें कि एमपीसी की बैठक 3 अप्रैल को शुरू हुई जिसके नतीजे अब सार्वजनिक कर दिए गए है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने 5:1 बहुमत से नीतिगत दर पर फैसला लिया है.
वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति:
वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति जारी कर दी गयी है. इस अवसर पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645.6 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर पहले कुछ चिंताएं थी लेकिन आरबीआई ने इसे मजबूती से हैंडल किया.
Post Monetary Policy Press Conference by Shri Shaktikanta Das, RBI Governor- April 05, 2024 at 12 noon https://t.co/Drgdv0OmiA
— ReserveBankOfIndia (@RBI) April 5, 2024
लगातार सातवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं:
मौद्रिक नीति समिति ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. वहीं बैंक रेट 6.75 फीसदी पर स्थिर रखा गया है. रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है. यह वर्तमान में 6.5 प्रतिशत है और अप्रैल 2023 से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.
खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 फीसदी रहने का अनुमान:
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. Q1 में 4.9 प्रतिशत, Q2 में 3.8 प्रतिशत, Q3 में 4.6 प्रतिशत और FY25 की चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत मुद्रास्फीति का अनुमान लगाया है.
- > Q1FY25 जीडीपी वृद्धि लक्ष्य 7.1% बनाम पहले 7.2%
- >Q2FY25 जीडीपी वृद्धि का लक्ष्य पहले के 6.8% से बढ़ाकर 6.9% किया गया
- > Q4FY25 जीडीपी वृद्धि लक्ष्य 7% बनाम पहले 6.9%
एमपीसी का क्या है काम:
एमपीसी मुख्य रूप से देश की खुदरा मुद्रास्फीति को दोनों तरफ दो प्रतिशत के अंतर के साथ चार प्रतिशत के भीतर रखने का उपाय करता है. साल में एमपीसी की कम से कम चार बैठकें होती है. केंद्रीय बैंक का काम देश के विकास को बनाए रखने और मुद्रास्फीति लक्ष्य को बनाए रखने के बीच संतुलन बनाना है. इस समीक्षा के आधार पर एमपीसी यह निर्णय लेती है कि रेपो दर को बनाए रखा जाए, बढ़ाया जाए.
एमपीसी बैठक के प्रमुख फैसले:
- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद कहा कि नियामक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में पात्र विदेशी निवेशकों को सॉवरेन ग्रीन बांड में निवेश करने की अनुमति देगा.
- एमपीसी बैठक में जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7% पर बरकरार रखा गया है.
- इस अवसर पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जोर देते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था के हित में सीपीआई यानी कोर प्राइस इंफ्लेशन को तय दायरे में लाया जाए.
- गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई जल्द ही बैंकों के लिए तरलता कवरेज अनुपात (एलसीआर) की समीक्षा के लिए एक मसौदा परिपत्र जारी करेगा.
- आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 5 अप्रैल को कहा कि केंद्रीय बैंक ने छोटे वित्त बैंकों को ब्याज जोखिमों से बचाव के लिए रुपया डेरिवेटिव उत्पाद (Rupee derivative product) का उपयोग करने की अनुमति दी है.
- बैठक में गवर्नर शक्तिकांत दास के अतिरिक्त डॉ. शशांक भिडे, डॉ. आशिमा गोयल, डॉ. राजीव रंजन और डॉ. माइकल देबब्रत पात्रा ने समायोजन वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मतदान किया.
- गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में है. साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहा कि एमपीसी मुद्रास्फीति को चार फीसदी के लक्ष्य के अनुरूप बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है.
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