भारतीय रिजर्व बैंक ने 21 नवंबर 2016 को आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और अग्रिम संबंधि प्रावधानों पर विवेकपूर्ण मानदडों में छूट प्रदान की है. यह फैसला 500 और 1000 रु. के नोट की वैधता समाप्त करने के बाद किया गया है.
मुख्य बातें:
• छोटे ऋणदाताओं को ऋण के भुगतान में हो रही समस्या पर गौर करते हुए आरबीआ ने अतिरिक्त 60 दिनों का समय दिया है. लेकिन यह समय एक करोड़ रु. से कम के फसल ऋण या ऋण के लिए ही दिया जाएगा.
• आवधी ऋण, आवास ऋण और कृषि ऋण चाहे वे व्यावसायिक हों या व्यक्तिगत, किसी भी बैंक या एनबीएफसी से एक करोड़ रुपये तक की स्वीकृत धनराशि इस छूट का लाभ उठा सकेगी.
• एनबीएफसी( एमएफआई), एनबीएफसी, आवास वित्त कंपनियां और पीएसी के लिए बैंकों से मंजूर हुए ऋण और राज्य सहकारी बैंकों से डीसीसीबी के मंजूर ऋण भी इसके पात्र होंगे.
• 1 नवंबर 2016 और 31 दिसंबर 2016 के बीच बकाया के भुगतान पर भी यह लागू होगा.
• 1 नवंबर 2016 से पहले और 31 दिसंबर 2016 के बाद किए जाने वाले भुगतान को वर्तमान अनुदेश द्वारा एनपीए की मान्यता के संबंध में संबंधित नियामक निकाय के लिए कवर किया जाएगा.
• दिया गया अतिरिक्त समय सिर्फ तभी लागू होगा जब मौजूदा मानक आस्ति का वर्गीकरण घटिया के तौर पर किया जाए और ऋण के पुनर्गठन के लिए नहीं.
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