रिजर्व बैंक ने किसी भी समय वैश्विक बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिये 1 अगस्त 2016 को बहुप्रतीक्षित दिशानिर्देश जारी किये. इसमें आवेदन के लिए पात्र इकाइयों की सूची से औद्योगिक घरानों को बाहर रखा गया है.
इन दिशा निर्देशों के अनुसार औद्यागिक घराने बैंकों में 10 प्रतिशत तक निवेश कर सकते हैं. बैंक लाइसेंस के लिए कोई भी किसी भी समय आरबीआई के पास बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है. 
दिशा-निर्देशों के मुख्य बिंदु
•    इन दिशा निर्देशों के तहत निजी क्षेत्र में समग्र बैंकिग सेवा वाले बैंक के कारोबार का लाइसेंस प्राप्त करने कि लिए शुरूआती न्यूनतम चुकता वोटिंग शेयर पूंजी 500 करोड़ रुपये निर्धारित की गयी है.
•    कोई भी व्यक्ति या पेशेवर जो भारत का निवासी है और जिनके पास बैंक एवं वित्त क्षेत्र में वरिष्ठ पदों पर 10 साल तक काम करने का अनुभव है वह लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है.
•    गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) जिसका नियंत्रण देश के निवासियों के पास है और उनका कम-से-कम 10 साल सफल कारोबार का इतिहास है वह भी इन दिशानिर्देशों के तहत लाइसेंस के लिये आवेदन की पात्र होंगी.
•    प्रवर्तक समूह के पास मजबूत वित्त, विश्वसनीयता, ईमानदारी का रिकार्ड और न्यूनतम 10 वर्ष का सफल ट्रैक रिकार्ड होना चाहिए. 
•    बैंक में विदेशी अंशधारित मौजूदा एफडीआई, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, के तहत होगा. फिलहाल सकल विदेशी निवेश सीमा 74 प्रतिशत है.
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