RBI जल्द लांच करेगा QR कोड आधारित कॉइन वेंडिंग मशीन, जानें यह कैसे होगा ऑपरेट?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक क्यूआर कोड आधारित कॉइन वेंडिंग मशीन लॉन्च करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू करेगा. RBI गवर्नर ने बताया कि देश में सिक्कों तक पहुंच को आसान बनाने के लिए यह प्रोजेक्ट लांच किया है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक क्यूआर कोड आधारित कॉइन वेंडिंग मशीन लॉन्च करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू करेगा.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है. जिसके संदर्भ में आज RBI गवर्नर ने जानकारी दी है. RBI गवर्नर ने बताया कि देश में सिक्कों तक पहुंच को आसान बनाने के लिए यह प्रोजेक्ट लांच किया है.
RBI proposes to launch pilot project for QR code-based coin vending machine in 12 cities
— ANI Digital (@ani_digital) February 8, 2023
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क्या है कॉइन वेंडिंग मशीन?
कॉइन वेंडिंग मशीन जैसा की नाम से ही समझ आ रहा है की इस वेंडिग मशीन का उपयोग सिक्कों के लिए जायेगा. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश में सिक्को की उपलब्धता को बढ़ाना है. यह पायलट प्रोजेक्ट, यूपीआई सुविधा के माध्यम से ग्राहकों के लिए सिक्कों की आसान पहुँच को सुनिश्तित करता है.
कॉइन वेंडिंग मशीन प्रोजेक्ट, हाइलाइट्स:
भारतीय रिजर्व बैंक 12 शहरों में QR कोड आधारित कॉइन वेंडिंग मशीन (QCVM) पर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा. इसकी मदद से ग्राहक सीधे अपने खाते में उपलब्ध राशि के माध्यम से सिक्के प्राप्त कर सकते है.
ये वेंडिंग मशीनें बैंक नोटों की भौतिक निविदा के बजाय UPI का उपयोग करके सिक्कों का वितरण करेंगी. आरबीआई का यह कदम एक रणनीतिक निर्णय है जो भारतीय भुगतान परिदृश्य को लाभान्वित करेगा.
यह सिक्कों की उपलब्धता को और आसन बनाता है, साथ ही RBI गवर्नर ने बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट से मिली सीख के आधार पर बैंकों को इन मशीनों के इस्तेमाल से सिक्कों के वितरण को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे.
मॉनेटरी पॉलिसी स्टेटमेंट, हाइलाइट्स:
बेंचमार्क लेंडिंग रेट (रेपो रेट) को 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया गया है.
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 6.4 पीसी की आर्थिक वृद्धि का अनुमान है, जो इस वित्तीय वर्ष में 7 पीसी से कम है.
मॉनेटरी पॉलिसी स्टेटमेंट में बताया गया कि 27 जनवरी, 2023 तक 576.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार, जो 2022-23 के लिए
अनुमानित आयात के 9.4 महीनों को कवर करता है.
भारतीय रुपया 2022 और इस वर्ष अपने एशियाई समकक्षों के बीच सबसे कम अस्थिर मुद्राओं में से एक रहा है.
मौद्रिक नीति समिति:
RBI एक्ट, 1934 (RBI अधिनियम) को वित्त अधिनियम, 2016 द्वारा संशोधित किया गया था, ताकि मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए मौद्रिक नीति समिति के लिए एक सांविधिक और संस्थागत ढांचा प्रदान किया जा सके.
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