रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (आरएनईएसएल) ने 10 अक्टूबर 2021 को चाइना नेशनल ब्लूस्टार (ग्रुप) से आरईसी सोलर होल्डिंग्स एएस (आरईसी ग्रुप) की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के खरीदने की घोषणा की है.
यह सौदा 771 मिलियन अमरीकी डॉलर के एंटरप्राइज मूल्य पर तय हुआ है. रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर ने रविवार 10 अक्टूबर 2021 को कहा कि उसने 5792 करोड़ रुपए (771 मिलियन डॉलर) में आरईसी सोलर होल्डिंग्स का अधिग्रहण किया है. यह जानकारी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर ने बीएसई फाइलिंग में दी है.
अधिग्रहण काफी महत्वपूर्ण
वैश्विक स्तर पर फोटोवोल्टिक (पीवी) मैन्युफैक्चरिंग प्लेयर बनने के लिए रिलायंस के न्यू एनर्जी विजन हेतु यह अधिग्रहण काफी महत्वपूर्ण है. यह अधिग्रहण रिलायंस ग्रुप को साल 2030 तक सोलर एनर्जी के 100 गीगावाट उत्पादन के लक्ष्य को पाने में काफी मददगार साबित होगा. इसी साल तक भारत का भी लक्ष्य नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) के 450 गीगावाट उत्पादन का है.
आरईसी एक मल्टीनेशनल सौर ऊर्जा कंपनी
आरईसी एक मल्टीनेशनल सौर ऊर्जा कंपनी है. आरईसी साल 1996 में स्थापित हुई थी. कंपनी का मुख्यालय नॉर्वे में और इसका ऑपरेशनल मुख्यालय सिंगापुर में है. उत्तरी अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया-प्रशांत में कंपनी के क्षेत्रीय केंद्र हैं.
नॉर्वे में दो और सिंगापुर में एक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट है. कंपनी अपने तकनीकी इनोवेशन, उच्च दक्षता के साथ किफायती सौर ऊर्जा पैनल्स के निर्माण हेतु जानी जाती है. यह 25 वर्षों के अनुभव के साथ दुनिया की अग्रणी सौर सेल / पैनल और पॉलीसिलिकॉन निर्माण कंपनियों में से एक है.
हरित ऊर्जा लक्ष्य पाने में मिलेगी मदद
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस अधिग्रहण को लेकर कहा कि मैं आरईसी के अधिग्रहण से बेहद खुश हूं क्योंकि यह सूर्य देव की असीमित और साल भर मिलने वाली सौर शक्ति का दोहन करने में मदद करेगा. यह अधिग्रहण दशक के अंत से पहले 100 गीगावॉट स्वच्छ और हरित ऊर्जा बनाने के रिलायंस के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, नई और उन्नत प्रौद्योगिकियों और परिचालन क्षमताओं में निवेश करने की हमारी रणनीति के अनुरूप है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य 2030 तक भारत में 450 गीगावाट रिन्युएबल ऊर्जा का उत्पादन है और इसे प्राप्त करने में किसी एकल कंपनी का यह सबसे बड़ा योगदान होगा. यह भारत को जलवायु संकट से उबारने और ग्रीन एनर्जी में विश्व नेता बनने में मदद करेगा.
बेहतरीन तकनीक का इस्तेमाल
रिलायंस आरईसी की बेहतरीन तकनीकों का इस्तेमाल, जामनगर में बनने वाले धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स में करेगा. इसकी क्षमता 4 GW प्रति वर्ष से शुरू करके 10 GW प्रति वर्ष तक बढ़नें की योजना है. जहां आरईसी के पास बेहतरीन सोलर तकनीक है वहीं रिलायंस के पास बड़े पैमाने पर परियोजना लगाने और उसे उत्कृष्टता से चलाने का दशकों का अनुभव है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation