यूरोप, अमेरिका में 100 से अधिक रूसी राजनयिक निष्कासित, शीत युद्ध के आसार

अमेरिका और यूरोपीय देशों से रूस के राजनयिकों को निष्कासित किये जाने को लेकर जिस प्रकार विश्व राजनीति में सरगर्मी बढ़ी है, उससे विश्व में एक बार फिर शीत युद्ध आरंभ होने के कयास लगाए जा रहे हैं.

Mar 27, 2018, 09:58 IST
Russian diplomats expelled across US and Europe
Russian diplomats expelled across US and Europe

अमेरिका, यूरोपीय देश, कनाडा और यूक्रेन ने 100 से अधिक रूसी राजनयिकों को अपने-अपने देशों से बाहर करने का फैसला किया है. यह निर्णय इंग्लैड में रह रहे पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रीपल को कथित रूप से नर्व एजेंट (जहर) देकर मारने की जघन्य कोशिश के आरोप में कड़ा रूख अपनाते हुए लिया गया.

अमेरिका ने सिएटल स्थित रूस के वाणिज्य दूतावास को भी बंद करने का आदेश दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सबसे अधिक 60 रूसी राजनयिकों को निकालने का आदेश दिया जो वर्तमान समय में रूस के खिलाफ सबसे बड़ा कदम है.

डोनाल्ड ट्रम्प ने जिन 60 रूसी राजनयिकों को देश से निकालने का आदेश दिया है उनमें से 48 वाशिंगटन स्थित रूसी दूतावास में रूस के लिए कथित रूप से खुफिया एजेंट की तरह काम रहे थे जबकि 12 राजनयिक न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में पदस्थ हैं.

अमेरिका और यूरोप के इस कदम से विश्व में एक बार फिर शीत युद्ध के आसार बढ़ने लगे हैं. रूस इस बार तटस्थ होता दिख रहा है जबकि यूरोप इस मामले में एकजुटता दिखा रहा है.

 

सर्गेई स्क्रीपल मामला क्या है?

चार मार्च 2018 को पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रीपल और उसकी बेटी यूलिया को ब्रिटेन के सेल्सबरी शहर में नर्व एजेंट देकर जान से मारने की कोशिश की गई थी. स्क्रीपल पर रूसी गोपनीय जानकारियां ब्रिटिश की खुफिया संस्था MI6 को बेचने का आरोप लगाकर रूस ने उन्हें 13 साल के कारावास की सजा दी थी.

वर्ष 2010 में ब्रिटेन और रूस में हुए एक समझौते के बाद स्क्रीपल अपने परिवार के साथ ब्रिटेन आ गए और सेल्सबरी में रहने लगे. पूर्व रूसी जासूस स्क्रीपल उनकी बेटी ब्रिटेन की नागरिकता ले चुके थे लेकिन कथित रूप से रूस द्वारा उन पर नर्व एजेंट से केमिकल हमला करके उन्हें मारने की कोशिश की गई.

शीत युद्ध के बारे में जानकारी

द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद अमेरिका और रूस के राजनीतिक और आर्थिक हितों का टकराव शुरू हो गया. अपने-अपने महत्व को साबित करने के लिए अमेरिका और रूस दो धुरियों के रूप में काम करने लगे तथा विश्व को दो हिस्सों में बांटने की होड़ लग गई. वर्ष 1990 तक दुनिया के ज्यादातर देश इन्हीं दोनों महाशक्तियों के बीच बंटे रहे और उनके बीच आर्थिक-राजनैतिक घात-प्रतिघात होता रहा. सोवियत संघ के विखंडन की बाद यह शीत युद्ध समाप्त हुआ और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बन गया.

ब्रिटेन में हुए रूसी जासूस को मारने की कोशिश की घटना के बाद से जिस प्रकार अमेरिका और यूरोप रूस के राजनयिकों को निष्कासित कर रहे हैं उसके चलते एक बार फिर विश्व में शीत युद्ध के आसार बनते जा रहे हैं. जबकि रूस ने सर्गेई स्क्रीपल पर हुए हमले में अपनी भूमिका से इंकार किया है.

विभिन्न देशों द्वारा निकाले गये रूसी राजनयिकों की संख्या

ब्रिटेन: 23, अमेरिका: 60, यूक्रेनः 13, पोलैंडः 4, फ्रांसः 4, जर्मनीः 4, कनाडाः 4, चेक रिपब्लिकः 3, लिथुआनियाः 3, नीदरलैंडः 2, इटलीः 2, डेनमार्कः 2, एस्टोनियाः 1, लातवियाः 1, क्रोएशियाः 1, फिनलैंडः 1 तथा रोमानियाः 1.

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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