8 अप्रैल 2016 को सउदी अरब और मिस्र, लाल सागर पर पुल बनाने को सहमत हो गए. उन्होंने घोषणा की कि यह पुल दोनों देशों को जोड़ने का कार्य करेगा.
नियोजित पुल दोनों मित्र देशों के बीच वाणिज्य को बढ़ावा देने में मदद करेगा. साथ ही यह दो महाद्वीपों अफ्रीका और एशिया को भी जोड़ेगा और नतीजतन दोनों महाद्वीपों के बीच व्यापार में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होगी.
यह घोषणा सउदी अरब के राजा सलमान बिन अब्दुलअजीज ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल– फत्तेह अल– सिसी से राष्ट्रपति के इत्ताहीदिया महल में मुलाकात के बाद की.80 वर्ष के राजा सलमान पांच दिनों के मिस्र दौरे पर हैं.
मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फत्तेह अल– सिसि, जिन्होंने पहले राजा को मिस्र के सर्वोच्च सम्मान नील कॉलर से सम्मानित किया था, ने कहा कि इस प्रस्तावित पुल का नाम सउदी के राजा के नाम पर किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज ब्रिज रखा जाएगा.
दो देशों को जोड़ने वाले लाल सागर का प्रस्ताव इससे पहले भी कई बार दिया गया लेकिन कभी मूर्त रूप नहीं ले सका. दो देशों के बीच पुल का विचार 1980 के दशक से तैयार है लेकिन अतीत में यह कभी अपने नियोजन चरण को पार नहीं कर सका.
पुल के मार्ग के लिए पूर्व योजनाओं में दोनों देशों के बीच आवागमन के लिए लाल सागर गल्फ ऑफ अकाबा के प्रवेशद्वार पर टीरन जलसंधि पर 32 किलोमीटर का पुल बनाने का सुझाव देता है. ऐसा करने से दोनों देशों के बीच आने–जाने में सिर्फ 20 मिनट का समय लगेगा.
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