केंद्र सरकार ने पनडुब्बी खांदेरी को नौसेना में शामिल किया

Jan 12, 2017, 12:40 IST

आईएनएस खांदेरी को नेवी में शामिल करने के बाद इसके कई ट्रायल किए जाएगे. आईएनएस खांदेरी का ट्रायल दिसंबर 2017 तक चलेगा. इसके बाद ही इसे नेवी के वार जोन में शामिल किया जाएगा.

अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कलवरी श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी आईएनएस खांदेरी का 12 जनवरी 2017 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में जलावतरण किया गया. आईएनएस खांदेरी पनडुब्बी टॉरपीडो के साथ ट्यूब से भी एंटी शिप मिसाइल दागने में सक्षम है.

परमाणु क्षमता युक्त आईएनएस खांदेरी का जलावतरण (लोकार्पण) केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे की अध्यक्षता में किया गया. जलावतरण के बाद यह पनडुब्बी आईएनएस खांदेरी उस पंटून से अलग हो जाएगी, जिस पर इसे तैयार किया गया है. इसके बाद इसकी अंतिम सेटिंग तैरने लगेगी.

परीक्षण के बाद मिलेगी नेवी वार जोन में जगह-

  • आईएनएस खांदेरी को नेवी में शामिल करने के बाद इसके कई ट्रायल किए जाएगे. आईएनएस खांदेरी का ट्रायल दिसंबर 2017 तक चलेगा. इसके बाद ही इसे नेवी के वार जोन में शामिल किया जाएगा.
  • इसमें बंदरगाह और समुद्र दोनों प्रकार के टेस्ट सम्मिलित हैं.
  • भारतीय नौसेना में प्रथम, खांदेरी पनडुब्बी 6 दिसंबर 1986 में कमीशन की गई.
  • लगभग 20 वर्ष तक देश की सेवा करने के बाद 18 अक्टूबर 1989 इसे नेवी से रिटायर किया गया.

आईएनएस खांदेरी के बारे में-

  • पनडुब्बी आईएनएस खांदेरी एंटी मिसाइल से लेकर परमाणु क्षमता से लैस है.
  • आईएनएस खांदेरी पनडुब्बी डीजल और बिजली दोनों से हुई संचालित किया जा सकता है.
  • इस श्रेणी की पहली पनडुब्बी कलवरी को गत वर्ष अप्रैल में लॉन्च किया गया.
  • पनडुब्बी पानी में हो या सतह पर दोनो ही परिस्थितियों में इसकी ट्यूब प्रणाली एंटी सिप मिसाइल लॉन्च करने में सक्षम है.
  • कलवरी श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी आईएनएस खांदेरी के भारतीय नौ सेना में शामिल किए जाने से भारतीय नौ सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी.

कलवरी की विशेषताएं-

  • कलवरी और खांदेरी पनडुब्बियां अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं.
  • खांदेरी दुश्मन के रडार से बचकर सटीक निशाना लगाने में सक्षम हैं.
  • स्कॉर्पीन सीरीज (कलवरी श्रेणी) की यह दूसरी पनडुब्बी आईएनएस खांदेरी टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से भी हमले कर सकती हैं.
  • इससे पहले अप्रैल 2015 में कलवरी पनडुब्बी का समुद्र में जलावतरण किया गया था.
  • खांदेरी पनडुब्बी दुश्मन का पता लगते ही उस पर गाइडेड हथियारों से हमला कर सकती है.
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  • आईएनएस खांदेरी की स्टैल्थ टेक्नीक इसे दूसरी सबमरीन्स के मुकाबले शानदार व बेजोड़ बनाती है. स्टैल्थ टेक्नीक फीचर के कारण यह पनडुब्बी दुश्मन की पकड़ से खुद को बचाने में सक्षम है.
  • आईएनएस खांदेरी पनडुब्बी के माध्यम से ऐंटी-सरफेस और ऐंटी-सबमरीन हमले के अलावा खुफिया सूचनाएं भी एकत्रित कर सकती हैं.
  • इसके अलावा आईएनएस खांदेरी सबमरीन माइन बिछाने और क्षेत्र की निगरानी करने में भी सक्षम है.

भारतीय नौसेना की पनडुब्बी शाखा के 50 वर्ष-

  • भारतीय नौसेना की पनडुब्बी शाखा पहले शुरु की गई, इस वर्ष आठ दिसंबर 2017 को यह शाखा 50 वर्ष पूरे करेगी.
  • नौसेना में पहली पनडुब्बी आइएनएस कलवरी आठ दिसंबर 1967 को शामिल की गयी.
  • इसी उपलक्ष्य में प्रति वर्ष इस दिन को पनडुब्बी दिवस के रूप में आयोजित किया जाता है.
  • भारत पनडुब्बी बनाने वाले देशों के समूह में सात फरवरी 1992 को शामिल हो गया.
  • भारत में स्वदेश निर्मित पहली पनडुब्बी आइएनएस शाल्की है.
  • इसके बाद आइएनएस शांकुल का 28 मई 1994 को जलावतरण किया गया.
  • वर्तमान में भारत विश्व के उन चुनिंदा देशों में सम्मिलित है, जो परंपरागत पनडुब्बियों का निर्माणकर्त्ता देश हैं.
  • कलवरी को पूर्व में ही लॉन्च किया जा चुका है, इसका ट्रायल चल रहा है, जिसके खत्म होते ही इसे नौसेना में सम्मिलित किया जाएगा.
  • दिसंबर 2016 तक इसे नौसेना में शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.
  • खांदेरी सबमरीन का मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने फ्रांस के मैसर्स डीसीएनसी के साथ मिलकर निर्माण किया है.
  • भारतीय नौसेना परियोजना 75 के तहत एमडीएल में भारत, फ्रांस के मैसर्स डीसीएनएस के साथ मिलकर छह पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है.

आईएनएस खांदेरी नाम के बारे में-

  • अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कलवरी श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी आईएनएस खांदेरी को यह नाम मराठा बलों के द्वीपीय किले के नाम पर रखा गया है. यह किला शिवाजी महाराज का था. यह किला समुद्र के बीच टापू पर बना था.
  • इस किले की 17वीं सदी के अंत में समुद्र में मराठा बलों का सर्वोच्च अधिकार सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका रही.
  • इस पनडुब्बी से टारपीडो के माध्यम से दुश्मन पर अटैक भी किया जा सकेगा.
  • सबमरीन को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि वो हर जगह से अपने लक्ष्य को भेद सके.
  • आईएनएस खांदेरी पनडुब्बी के माध्यम से नेवल टास्क फोर्स दुश्मनों पर कभी भी कहीं से भी हमला करने में सक्षम होगी.
  • आईएनएस खांदेरी पनडुब्बी को माड्यूलर कंस्ट्रेक्शन को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है.
  • इसके तहत आईएनएस खांदेरी पनडुब्बी का कई सेक्शन में विभाजन किया जा सकता है.
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