भारत में समावेशी विकास को बढ़ावा देने हेतु सख्त मज़दूरी नीति लागू करने की ज़रुरत: ILO

Aug 23, 2018, 12:10 IST

आईएलओ की ओर से प्रकाशित 'इंडिया वेज रिपोर्ट' में कहा गया है कि दो दशक तक भारत की औसत सालाना वृद्धि 7% रही, लेकिन न तो मजदूरी में इस हिसाब से बढ़ोतरी हुई और न ही आर्थिक असमानता में कमी आई. यह असमानता स्त्री-पुरुष, शहरी-ग्रामीण सभी मामलों में है.

Strong wage policies needed to promote inclusive growth in India: ILO’s India Wage Report
Strong wage policies needed to promote inclusive growth in India: ILO’s India Wage Report

अंर्तराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की 20 अगस्त 2018 को जारी रिपोर्ट में भारत में आम लोगों की कमाई को लेकर खुलासा हुआ है.

आईएलओ की ओर से प्रकाशित 'इंडिया वेज रिपोर्ट' में कहा गया है कि दो दशक तक भारत की औसत सालाना वृद्धि 7% रही, लेकिन न तो मजदूरी में इस हिसाब से बढ़ोतरी हुई और न ही आर्थिक असमानता में कमी आई. यह असमानता स्त्री-पुरुष, शहरी-ग्रामीण सभी मामलों में है.

रिपोर्ट से पता चलता है कि कम वेतन और मजदूरी असमानता, बेहतर कार्य परिस्थितियों को प्राप्त करने और समांवेशी विकास के भारत के मार्ग में गंभीर चुनौती है.

मजदूरी असमानता और आर्थिक असमानता:

•    रोजगार और बेरोजगारी सर्वेक्षण (ईयूएस) और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के आधार पर रिपोर्ट का अनुमान है कि वास्तविक औसत दैनिक मजदूरी 1993-94 और 2011-12 के बीच लगभग दोगुना हो गई है.

•    शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में कमाई तेजी से बढ़ी है. इसी तरह दिहाड़ी मजदूरों की कमाई तेजी से बढ़ी है, वहीं नियमित कर्मचारियों की तनख्वाह में इस तुलना में कम वृद्धि हुई है.

•    इसी तरह महिलाओं के लिए औसत मजदूरी तेजी से बढ़ी है, वहीं पुरूष इस मामले में महिलाओं से पीछे रह गए हैं.

•    असंगठित क्षेत्र में मजदूरी ज्यादा बढ़ी है, जबकि संगठित क्षेत्र में काम करनेवाले इस तुलना में पीछे रह गए हैं.

•    आईएलओ की ‘इंडिया वेज रिपोर्ट’ के मुताबिक काम के बदले कम वेतन और मजदूरी में असमानता आज भी भारत के श्रम बाजार में चुनौती बनी हुई है.

•    वर्ष 2011-12 में, भारत में औसत मजदूरी लगभग 247 रूपये प्रतिदिन रही है. दिहाड़ी श्रमिकों की औसत मजदूरी 143 रूपये प्रतिदिन रही.

•    केवल शहरी क्षेत्रों के कुछ सेक्टर्स में ही प्रोफेशनल्स की कमाई औसत से ज्यादा रही है. ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों के दिहाड़ी श्रमिकों की मजदूरी दोगुनी हुई है.

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ):

•    अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, अंतरराष्ट्रीय आधारों पर मजदूरों तथा श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए नियम बनाता है. यह संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट संस्था है.

•    वर्ष 1969 में इसे विश्व शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

•    यह संस्था अंतर्राष्ट्रीय श्रम कानूनों का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं के खिलाफ शिकायतों को पंजीकृत तो कर सकती है, किंतु यह सरकारों पर प्रतिबंध आरोपित नहीं कर सकती है.

•    इस संगठन की स्थापना प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् ‘लीग ऑफ नेशन्स’ की एक एजेंसी के रूप में वर्ष 1919 में की गई थी. भारत इस संगठन का एक संस्थापक सदस्य रहा है.

•    इस संगठन का मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा में स्थित है.

•    वर्तमान में 187 देश इस संगठन के सदस्य हैं, जिनमें से 186 देश संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से हैं तथा एक अन्य दक्षिणी प्रशांत महासागर में अवस्थित ‘कुक्स द्वीप’ है.

•    आईएलओ के कार्यों में अंतरराष्ट्रीय श्रमिक सम्मेलन, स्वीकार करना या कार्यक्रम आयोजित करना, मुख्य निदेशक को चुनना, मजदूरों के मामलों के बारे में सदस्य राज्य के साथ व्यवहार, अंतरराष्ट्रीय श्रमिक कार्यालय कार्यवाही की जिम्मेदारी के साथ ही जाँच कमीशन की नियुक्ति के बारे में योजना बनाने या फैसले लेने के लिये संस्था को अधिकार प्राप्त है.

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

    एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

    AndroidIOS

    Trending

    Latest Education News