Char dham road project: सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2021 को सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए चार धाम परियोजना के लिए सड़कों को डबल लेन चौड़ा करने की अनुमति दे दी है. आपको बता दें कि न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने परियोजना पर सीधे रिपोर्ट करने के लिए पूर्व न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता में एक निरीक्षण समिति का गठन किया है.
यह अनुमति मिलने के बाद चारधाम परियोजना (Char dham road project) के अंतर्गत भारत की चीन तक पहुंच और आसान हो जाएगी और किसी भी मौसम में भारतीय सेना चीन से सटी सीमाओं पर पहुंच सकेगी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हाईवे निर्माण के लिए सड़क की चौड़ाई बढ़ाने में रक्षा मंत्रालय की कोई दुर्भावना नहीं है.
चारधाम परियोजना का उद्देश्य
केंद्र सरकार की चारधाम परियोजना का उद्देश्य यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है. 900 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की लागत 12 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है. केंद्र सरकार ने अपनी याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि भारत-चीन वास्तवित नियंत्रण रेखा की तरफ से जाने वाली सीमा सड़कों के लिए यह फीडर सड़कें हैं.
10 मीटर चौड़ी करने की इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में चारधाम रोड परियोजना में आल वेदर रोड को शोल्डर सहित 10 मीटर चौड़ी करने की इजाजत दी. कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार व सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वह निगरानी समिति को पूरा सहयोग करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाल के दिनों में सीमाओं पर सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां सामने आई हैं. यह अदालत सशस्त्र बलों की ढांचागत जरूरतों का दूसरा अनुमान नहीं लगा सकती है.
मामला क्या था?
रक्षा मंत्रालय का कहना था कि इस सड़क के निर्माण से भारत की फौज को सीमा तक टैंक और हथियारों के साथ पहुंचने में काफी आसानी होगी और पर्वतीय क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी. एक एनजीओ (NGO) ने सड़क को 10 मीटर तक चौड़ा डबल लेन बनाने को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने देश की रक्षा जरूरतों के आधार पर सरकार की अधिसूचना को सही ठहराया, लेकिन पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं के लिहाज से कमिटी बनाई जो कि सीधे SC को रिपोर्ट देगी. समिति हर 4 महीने में परियोजना की प्रगति पर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करेगी.
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार परियोजना के तहत सड़कों की चौड़ाई 10 मीटर तक करना चाहती है. इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. ऑल वेदर चारधाम परियोजना ऋषिकेश को गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ से जोड़ेगी. इनमें से एक हिस्से पर सड़क की चौड़ाई के बारे में उच्चतम न्यायालय में मामला था, जिसके कारण ये आगे नहीं बढ़ पा रही थी.
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