सुप्रीम कोर्ट ने ठोस कचरा प्रबंधन (Solid Waste Management) के लिए पॉलिसी तैयार नहीं करने पर कई राज्यों को कड़ी फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2018 को पांच राज्यों में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किये जाने का निर्देश जारी कर दिया.
अदालत ने इन राज्यों पर 3-3 लाख रुपये का हर्जाना भी लगाया क्योंकि इनकी ओर से हलफनामा दायर नहीं किया गया था.
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कुछ राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों पर जुर्माना भी लगाया है. पीठ ने कहा कि अगर ये राज्य चाहते हैं कि लोग गंदगी में रहें तो क्या किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और चंडीगढ़ जैसे राज्य ठोस कचरा प्रबंधन रूल 2016 के तहत अभी तक पॉलिसी तय नहीं कर पाए हैं जबकि इसके लिए दो साल से कवायद चल रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन नियम के तहत शहर को साफ रखने की पॉलिसी बनानी है लेकिन नहीं बनी है. अगर ये राज्य लोगों के हित में सोचते हैं और शहर को साफ रखना चाहते हैं तो इन्हें ठोस कचरा प्रबंधन नियम के तहत प़ॉलिसी बनानी होगी.
पृष्ठभूमि
बता दें कि राजधानी दिल्ली में 7 साल के बच्चे की डेंगू से मौत हुई थी. वर्ष 2015 में हुई इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया था और फिर मामले की सुनवाई का दायरा देश भर के लिए कर दिया गया था.
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