भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 6 अगस्त 2019 को निधन हो गया. वे 67 वर्ष की थीं. उनका आकस्मिक निधन हृदयघात के कारण हुआ था. हाल ही में संपन्न हुए लोक सभा चुनावों में सुषमा स्वराज ने घोषणा की थी कि वे आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी.
सुषमा स्वराज ने अपने राजनैतिक कार्यकाल के दौरान विभिन्न उपलब्धियां हासिल की थीं. वे 25 वर्ष की आयु से ही राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही थीं. उन्होंने स्थानीय राजनीति से विदेश मंत्री तक का पद हासिल किया था.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह एवं राहुल गाँधी सहित देश-विदेश की विभिन्न जानी-मानी हस्तियों ने सुषमा स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शोक सन्देश में कहा कि सुषमा स्वराज के निधन के साथ ही भारतीय राजनीति का एक महान अध्याय समाप्त हो गया है. भारत आज अपने एक असाधारण नेता के निधन का शोक मना रहा है, जिन्होंने लोगों की सेवा और गरीबों की ज़िंदगी बेहतर के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.
सुषमा स्वराज के बारे में
• सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था. उनके पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख कार्यकर्ता थे.
• उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा अम्बाला तथा कानून की डिग्री पंजाब यूनिवर्सिटी से हासिल की थी.
• उन्हें भारत के प्रमुख नेताओं में से एक माना जाता है. वे एक प्रखर वक्ता होने के साथ-साथ ट्विटर पर भी आम लोगों से संवाद करने तथा उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए जानी जाती रही हैं.
• सुषमा स्वराज सात बार सांसद रह चुकी हैं जिसमें छह बार लोकसभा, एक बार राज्य सभा और तीन बार विधायक भी रही थीं.
• मात्र 25 वर्ष की आयु में वे भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं. इसके अलावा, वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भीं बनीं.
• देश में किसी राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनने तथा संसद में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार पाने वाली पहली महिला भी वे ही हैं.
• वे 29 जनवरी 2003 से 22 मई 2004 तक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्री एवं संसदीय विषयों की मन्त्री भी रहीं.
• अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने 26 मई 2014 से 24 मई 2019 तक बतौर विदेश मंत्री अपनी सेवाएं प्रदान कीं.
सुषमा स्वराज का अंतिम ट्वीट
सुषमा स्वराज को ट्विटर पर सक्रिय रहने के कारण भी जाना जाता रहा है. उन्होंने अपने अंतिम ट्वीट में अनुच्छेद-370 को समाप्त किये जाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करते हुए लिखा कि वे अपने जीवन में इसी दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थीं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation