तालिबान ने हाल ही में नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA) को एक पत्र लिखा भारत और अफगानिस्तान के बीच विमान सेवा फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है. इस्लामिक अमीरात घोषित होने के बाद अफगानिस्तान की तरफ से यह पहली आधिकारिक पत्र लिखा गया है. तालिबान सरकार की तरफ से मिले इस पत्र के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा इस संबंध में लिए फैसले को लेकर समीक्षा की जा रही है.
अफगानिस्तान की सत्ता में बीते 15 अगस्त को काबिज होने के बाद तालिबान ने पहला औपचारिक पत्र भारत को भेजा है. इसमें उसने काबुल तक फ्लाइट ऑपरेशंस शुरू किए जाने की अपील नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से की है. भारत ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद 15 अगस्त को काबुल के लिए अपनी सभी कमर्शियल फ्लाइट्स के संचालन पर रोक लगा दी थी.
Taliban's Islamic Emirate of Afghanistan writes to DGCA (Directorate General of Civil Aviation) to resume commercial flights to Afghanistan (Kabul). Letter under review by Ministry of Civil Aviation (MoCA).
— ANI (@ANI) September 29, 2021
India had stopped all commercial flight operations to Kabul post 15 Aug. pic.twitter.com/8LO96j6EkK
भारत ने रोक दी थी फ्लाइट्स
यह पत्र फिलहाल नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास है, जो इसकी समीक्षा कर रहा है. भारत ने अभी तक अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को मान्यता नहीं दी है. भारत ने अफगानिस्तान से अपनी कमर्शियल फ्लाइट्स पर रोक 15 अगस्त 2021 को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद ही लगा दी थी. हालांकि भारत ने 21 अगस्त को भारतीय वायुसेना की एक फ्लाइट के जरिये काबुल से दुशांबे होते हुए अपने नागरिकों को वहां से निकाला था.
भारत से ये अपील की
डीजीसीए को लिखे पत्र में अभिवादन के बाद तालिबान सरकार ने लिखा है कि अफगानिस्तान से रवानगी से पहले अमेरिकी सैनिकों ने काबुल हवाई अड्डे को तहस-नहस कर दिया. कतर के सहयोग से एयरपोर्ट एक बार फिर से चालू हो गया है और 06 सितंबर 2021 को इस संबंध में एक NOTAM (एयरमैन को नोटिस) जारी किया गया है.
तालिबान नेता के हवाले से इस पत्र में भारत और अफगानिस्तान के बीच फ्लाइट्स का संचालन शुरू किए जाने का अनुरोध करते हुए कहा गया है कि इस पत्र का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आपसी समझौते के आधार पर यात्रियों की सहज आवाजाही सुनिश्चित करना है.
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