ई-सिम को मंजूरी, दूरसंचार विभाग ने गाइडलाइन्स जारी की

May 18, 2018, 15:15 IST

इससे ग्राहकों को यह भी आजादी रहेगी कि वह चाहे तो कॉलिंग की सुविधा किसी एक ऑपरेटर से ले और डाटा की सुविधा किसी दूसरे ऑपरेटर से ले सकता है.

Telecom dept allows use of eSIMs
Telecom dept allows use of eSIMs

केंद्र सरकार ने 18 मई 2018 को देश में ई-सिम के उपयोग के लिए मंजूरी प्रदान की. इससे अब ग्राहकों को मोबाइल कंपनी बदलने पर नया सिम खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी. एक उपभोक्ता अब 18 मोबाइल कनेक्शन ले सकेगा.

इस पॉलिसी के अनुसार र्इ-सिम डिवाइस में ही इनस्टॉल कर दिया जाएगा, जिसमें सर्विस प्रोवाइडर नया कनेक्शन लेते वक्त ही डिटेल अपडेट कर देगा. इससे ग्राहकों को यह भी सुविधा रहेगी कि वह चाहे तो कॉलिंग की सुविधा किसी एक ऑपरेटर से ले और डाटा की सुविधा किसी दूसरे ऑपरेटर से ले सकता है.

दूरसंचार विभाग की घोषणा के मुख्य बिंदु

•    दूरसंचार विभाग ने कहा कि मशीन टू मशीन (एमटूएम) और इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (आर्इओटी) जैसी आधुनिक तकनीकों के विकास को देखते हुए र्इ-सिम (एंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल) को मंजूरी देने का फैसला लिया गया है.

•    मंजूरी के तहत सिंगल और मल्टीपल प्रोफाइल कन्फिगरेशन की सुविधा होगी, जिसमें आवश्यकता पड़ने पर ग्लोबल मानकों के अनुसार एयर सब्सक्रिप्शन अपडेट किया जा सकेगा.

•    यह नर्इ गाइडलाइन रिलायंस जियो और भारती एयरटेल द्वारा र्इ-सिम सर्विस से लैस एप्पल वॉच की बिक्री शुरू करने के तीन बाद जारी की गर्इ है.

•    इसमें 9 मोबाइल नंबर सामान्य इस्तेमाल के लिए और 9 सिम मशीन से मशीन कम्युनिकेशन के लिए उपयोग किए जा सकेंगे.

कम्पनियों के लिए शर्त

नई गाइडलाइंस के बाद सभी टेलीकॉम कंपनियां ई-सिम की सेवाएं दे सकती है. हालांकि कंपनियों को ई-सिम की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की गारंटी देनी होगी. साथ ही टेलीकॉम कंपनियों को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि ई-सिम के लाइसेंस की शर्तों का भी उल्लघंन ना हो. इसके अलावा कंपनियों को ई-सिम में भी नंबर पोर्टिबिलिटी की सुविधा देनी होगी.


ई-सिम क्या है?
ई-सिम को इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल कहा जाता है. यह तकनीक सॉफ्टवेयर के जरिए काम करती है जिस फोन में इनस्टॉल कर दिया जाता है. फिलहाल इस तकनीक का इस्तेमाल स्मार्टवॉच में किया जा रहा है, लेकिन इस तकनीक को अब समार्टफोन पर रोल-ऑउट कर दिया जाएगा, जिससे यूजर्स केवल सॉफ्टवेयर के जरिए टेलीकॉम सेवाएं ले सकेंगे. इसके अलावा एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में स्विच करने में भी आसानी होगी.

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ई-सिम से उपभोक्ता को लाभ

•    ई-सिम तकनीक के जरिए स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ बढ़ जाएगी.

•    सॉफ्टवेयर के जरिए काम करने वाले ई-सिम में फिजिकल सिम की अपेक्षा में स्मार्टफोन के बैटरी की खपत कम हो जाएगी.

•    इसके अलावा यूजर्स का सिम पोर्ट करने के लिए 7 दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

•    इस तकनीक से यूजर्स तुरंत अपने ऑपरेटर बदल सकते हैं.

•    इसके अलावा स्मार्टफोन में सिम कार्ड स्लॉट की भी जरूरत नहीं होगी जिससे आपके स्मार्टफोन में अतिरिक्त जगह भी बन जाएगी.

 

ई-सिम के उपभोक्ता को लाभ

ई-सिम तकनीक के जरिए स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ बढ़ जाएगी.

सॉफ्टवेयर के जरिए काम करने वाले ई-सिम में फिजिकल सिम की अपेक्षा में स्मार्टफोन के बैटरी की खपत कम हो जाएगी.

इसके अलावा यूजर्स का सिम पोर्ट करने के लिए 7 दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

इस तकनीक से यूजर्स तुरंत अपने ऑपरेटर बदल सकते हैं.

इसके अलावा स्मार्टफोन में सिम कार्ड स्लॉट की भी जरूरत नहीं होगी जिससे आपके स्मार्टफोन में अतिरिक्त जगह भी बन जाएगी.

 

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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