केंद्र सरकार ने बेघर बच्चों को आधार कार्ड प्रदान करने की घोषणा की है. सरकार का उद्देश्य स्कूलों में नामांकन कराने और सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ हेतु बेघर बच्चों को आधार कार्ड मुहैया कराण है.
केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने बेघर बच्चों की देखभाल और सुरक्षा हेतु मानक संचालन प्रक्रिया को मंजूरी प्रदान की है. महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शीघ्र ही इसका औपचारिक रूप से शुभारम्भ किया जाएगा. केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने बेघर बच्चों के पुनर्वास हेतु क्रमवार दिशा निर्देश जारी किए है.
केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय बेघर और बेसहारा बच्चों हेतु स्वास्थ्य बीमा, बैंक खाते और वित्तीय प्रायोजन के अतिरिक्त अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को शामिल करेगा. बाल विकास मंत्रालय का लक्ष्य बेघर और बेसहारा बच्चों के चिकित्सा और पौष्टिक जरूरतों को पूरा करना है.
मुख्य तथ्य-
- गैर सरकारी संगठन सेव द चिल्ड्रन की एडवोकेसी डायरेक्टर विदिशा के अनुसार सड़कों और फुटपाथ पर रहने वाले 80 फीसदी बच्चों की अपनी कोई पहचान नहीं है. उन्हें अपने मूल भूत अधिकार और सेवाओं को प्राप्त करने में आधार कार्ड सबसे बड़ी बाधा है.
- बेघर और बेसहारा बच्चों को स्कूल भी नामांकन नहीं देते.
- आधार कार्ड के अभाव में उनको स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं मिल पाती.
- यदि इन बेघर और बेसहारा बच्चों को आधार कार्ड उपलब्ध करा दिया जय तो उन्हें इन सेवाओं का लाभ मिल सकेगा.
- बाल अधिकार संस्था एनसीपीसीआर और गैर सरकारी संगठन सेव द चिल्ड्रेन ने इस मानक प्रक्रिया संचालन को तैयार किया है.
- प्रक्रिया के तहत चार श्रेणी के बेघर बच्चों हेतु क्रमवार कार्ययोजना तैयार की गई है, इन चार श्रेणीयों में ‘परित्यक्त या लावारिस बच्चे’, ‘लापता या घर से भागे बच्चे (भगोड़े)’, ‘सड़क से जुड़े बच्चे या सड़क पर रहने वाले समुदाय के बच्चे’ और ‘सड़क पर भीख मांगने वाले बच्चे’ सम्मिलित हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation