टॉप कैबिनेट मंजूरी: 08 जनवरी 2020

Jan 8, 2020, 19:00 IST

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में खनिज कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2020 जारी करने की मंजूरी दे दी है. यह अध्यादेश सभी क्षेत्रों के लिए कोयला खनन को खोलने तथा कोयला खदानों की नीलामी के नियम को आसान करेगा.

Top Cabinet Approvals 08 January 2020
Top Cabinet Approvals 08 January 2020

टॉप कैबिनेट मंजूरी: 08 जनवरी 2020

खनिज कानून संशोधन अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में खनिज कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2020 जारी करने की मंजूरी दे दी है. यह अध्यादेश सभी क्षेत्रों के लिए कोयला खनन को खोलने तथा कोयला खदानों की नीलामी के नियम को आसान करेगा.

अध्यादेश जारी होने के बाद 31 मार्च 2020 से पहले 46 लौह अयस्क तथा अन्य खानों की नीलामी की जा सकेगी. 46 खानों की खनन पट्टे की अवधि 31 मार्च 2020 को समाप्त हो रही है. नीलामी की अनुमति से उत्पादन कार्य जारी रखते हुए इनका आसानी से हस्तांतरण किया जा सकेगा.

कैबिनेट ने बीएमजीएफ के बीच स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में सहयोग के समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में सहयोग हेतु भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय तथा बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के बीच समझौता ज्ञापन को पूर्व प्रभाव से मंजूरी दे दी है. इस समझौता ज्ञापन पर बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के न्‍यासी और सह अध्‍यक्ष बिल गेट्स की भारत यात्रा के दौरान नवंबर 2019 में हस्‍ताक्षर किये गये थे.

समझौता ज्ञापन की व्‍यवस्‍थाओं को लागू करने तथा सहयोग के क्षेत्रों का विस्‍तृत ब्‍यौरा तय करने हेतु एक कार्यक्रम क्रियान्‍वयन समिति का गठन किया जायेगा. समझौता ज्ञापन के तहत नवजात शिशुओं तथा बच्‍चों की मृत्‍यु दर में कमी लाने तथा पोषण सेवाओं को बेहतर बनाने हेतु टीकाकरण तथा गुणवत्‍ता युक्‍त प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की सभी तक पहुंच को आसान और सुगम बनाना है.

कैबिनेट ने शांतिपूर्ण और नागरिक उद्देश्यों हेतु भारत और मंगोलिया के बीच समझौते को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शांतिपूर्ण और असैन्‍य उद्देश्‍यों हेतु बाह्य अंतरिक्ष के उपयोग और वहां खोज गतिविधियों के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत एवं मंगोलिया के बीच हुए समझौते को मंजूरी दे दी है. इस समझौते पर मंगोलिया के राष्‍ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान 20 सितंबर 2019 को नई दिल्‍ली में हस्‍ताक्षर किये गये थे. इस समझौते के अंतर्गत दोनों पक्ष एक संयुक्‍त कार्य समूह गठित कर सकेंगे. इसमें भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के सदस्‍य एवं मंगोलिया के संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी प्राधिकरण के सदस्‍य शामिल होंगे.

समझौते के अंतर्गत सहयोग की गतिविधियों पर होने वाले खर्च का फैसला दोनों पक्ष उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों और आवश्‍यकताओं के अनुरूप करेंगे. इस समझौते के माध्‍यम से दोनों देश अंतरिक्ष में प्रौद्योगिकी के उपयोग हेतु संयुक्‍त गतिविधियां चला सकेंगे जो आगे चलकर मानव जाति के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. यह समझौता दोनों पक्षों को संयुक्‍त कार्य समूह के माध्‍यम से समय बद्ध तरीके से समझौते की व्‍यवस्‍थाएं लागू करने में सहायता करेगा.

भारत और स्वीडन के बीच ध्रुवीय विज्ञान में सहयोग पर समझौता ज्ञापन को मंज़ूरी

कैबिनेट ने भारत और स्वीडन के बीच ध्रुवीय विज्ञान में सहयोग पर समझौता ज्ञापन को मंज़ूरी दे दी है. इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर 02 दिसंबर 2019 को हुए थे. भारत और स्वीडन दोनों ने अंटार्कटिक संधि तथा पर्यावरण सुरक्षा पर अंटार्कटिक संधि के मसविदा पर हस्ताक्षर किए हैं.

स्वीडन दोनों ध्रुवीय क्षेत्रों आर्कटिक तथा अंटार्कटिक में कई वैज्ञानिक कार्यक्रम चला रहा है. इसी तरह भारत महासागरीय क्षेत्र सहित दोनों ध्रुवीय क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यक्रम चला रहा है. ध्रुवीय विज्ञान में भारत तथा स्वीडन के बीच इस सहयोग से दोनों देशों को एक दूसरे की उपलब्ध विशेषज्ञता साझा करने मे सहायता मिलेगी.

भारत और फ्रांस के बीच आवागमन और स्वतंत्र गतिशीलता साझेदारी समझौते को मंज़ूरी

कैबिनेट ने भारत और फ्रांस के बीच आवागमन एवं स्वतंत्र गतिशीलता साझेदारी समझौते को मंज़ूरी दे दी है. इस समझौते पर भारत में फ्रांस के राष्ट्रपति की आधिकारिक यात्रा के दौरान मार्च 2018 में हस्ताक्षर किए गए थे. यह समझौता शुरु में सात साल की अवधि हेतु वैध है.

समझौते में दोनों देशों के लोगों के मध्य सीधा संपर्क बढ़ाना, छात्रों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और कुशल पेशेवरों के आवागमन को प्रोत्साहन देना तथा अनियमित आवागमन एवं मानव तस्करी के विषयों पर सहयोग मजबूत करना शामिल है. यह समझौता फ्रांस के साथ भारत के बहुपक्षीय संबंधों में तेजी से विस्तार लाने का प्रमाण है और दोनों देशों के बीच बढ़ते विश्वास और भरोसे का प्रतीक भी है.

गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर, जामनगर में आयुर्वेद संस्थानों के समूह को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने की मंज़ूरी

आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, जामनगर को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने हेतु इससे संबंधित विधेयक को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा. भारत में जन स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने में आयुष व्यवस्थाओं की तेजी से बढ़ती भूमिका को देखते हुए इसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने से सार्वजनिक स्वास्थ्य में आयुर्वेद की भूमिका तथा महत्व को प्रोत्साहन मिलेगा.

भारत आयुर्वेद की जननी है. विश्वभर में आयुर्वेद से संबंधित जानकारी, इसकी सेवाएं और इसमें लोगों की रुचि बढ़ रही है. आयुर्वेद को बढ़ावा देने से स्वास्थ्य के मद पर भारत सरकार का खर्च घटेगा क्योंकि रोग निवारक दृष्टिकोण के कारण से आयुर्वेद किफायती होता है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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