टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 04 नवंबर 2019 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से-ऑड-ईवन योजना और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर आदि शामिल हैं.
Odd-Even Scheme: दिल्ली में आज से Odd-Even लागू, जानें पूरा नियम
दिल्ली सरकार ने इस योजना को 04 नवंबर से 15 नवंबर तक के लिए लागू किया है. ये योजना इससे पहले साल 2016 में दो बार लागू किया जा चुका है. इस योजना को पहली बार 01 जनवरी से लेकर 15 जनवरी तक लागू किया गया था. इस योजना के तहत ये नियम सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक ही लागू रहेगा.
इस योजना के तहत नियम का उल्लंघन करने पर 4000 रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ेगा. ऑड-ईवन योजना के तहत एक दिन वे निजी वाहन चलेंगे जिनकी पंजीकरण प्लेट की आखिरी संख्या ईवन (सम) होगी तथा दूसरे दिन उन वाहनों को चलाने की इजाजत होगी जिनकी संख्या ऑड (विषम) होगी.
नए नक्शे के मुताबिक, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मीरपुर और मुजफ्फराबाद जिलों को जम्मू और कश्मीर का हिस्सा बताया गया है. इन दोनों जिलों सहित जम्मू और कश्मीर में कुल 22 जिले होंगे. यह नया नक्शा भारत के सर्वेक्षण जनरल द्वारा जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के नए केंद्र शासित प्रदेशों को दर्शाते हुए तैयार किया गया है.
सरकार ने 5 अगस्त 2019 को संसद में राज्य के विभाजन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था. राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद जम्मू-कश्मीर को दो भागों में विभाजित किया गया तथा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया. लद्दाख में दो जिले कारगिल एवं लेह शामिल हैं, जबकि जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में 22 जिले शामिल हैं.
सत्यपाल मलिक ने गोवा के राज्यपाल के रूप में शपथ ली
शपथग्रहण समारोह के समय गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति वहां मौजूद थे. उल्लेखनीय है कि जी सी मुर्मु और राधाकृष्ण माथुर ने 31 अक्टूबर 2019 को क्रमश: जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के पहले उप-राज्यपाल के तौर पर शपथ ली थी.
25 अक्टूबर 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सत्यपाल मलिक को गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया था. केन्द्र सरकार ने सत्यपाल मलिक के राज्यपाल रहने के दौरान ही ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया था तथा राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था.
भारत-उज्बेकिस्तान के बीच सैन्य संबंधों को बढ़ाने हेतु तीन समझौतों पर हस्ताक्षर
भारतीय रक्षा मंत्री तथा उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि दोनों देश उज़्बेकिस्तान के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी के अनुरूप, रक्षा में अपने जुड़ाव के स्तर को बढ़ाने हेतु सहयोग करना और साथ काम करना जारी रखेंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उज्बेकिस्तान को विश्वास दिलाया कि उसकी सेना के आधुनिकीकरण तथा क्षमता विकास में भारतीय सैन्य बल सभी संभावित सहायता मुहैया कराएंगे. दोनों पक्षों के बीच सशस्त्र बलों के मध्य प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण तथा शिक्षा से संबंधित प्रत्यक्ष आदान-प्रदान में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है.
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