टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 06 मई 2021 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से विश्व चौधरी अजित सिंह और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
RLD चीफ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह का निधन
आरएलडी प्रमुख चौधरी अजित सिंह 22 अप्रैल 2021 को कोरोना संक्रमित हुए थे. इसके बाद से ही उनके फेफड़े में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा था. 04 मई को अजित सिंह की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी. इसके बाद उन्हें गुरुग्राम के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
अजित सिंह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे थे. चौधरी अजित सिंह ने साल 1986 से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. वे साल 1986 में राज्यसभा भेजे गए थे. 1987 से 1988 तक लोकदल (ए) और जनता पार्टी के अध्यक्ष पद भूमिका निभाई. 1989 में अपनी पार्टी का विलय जनता दल में कर दिया.
मेघालय में मिलीं सोरोपोड्स डायनासोर की 100 मिलियन साल पुरानी हड्डियां
यह जीवाश्म लगभग 100 मिलियन वर्ष पुराना है. ये नवीनतम खोजें, जिन्हें अभी प्रकाशित किया जाना है, हाल ही में पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के पैलेऑन्टोलॉजी डिवीजन के शोधकर्ताओं द्वारा एक क्षेत्ररक्षण यात्रा के दौरान की गई थीं.
सोरोपोड्स डायनासोर अपने शरीर के बाकी हिस्सों के सापेक्ष एक बहुत लंबी गर्दन, छोटे सिर, लंबी पूंछ और चार-मोटी स्तंभ जैसी पैरों वाले डायनासोर थे. टाइटैनोसौर सोरोपोड डायनासोर का एक विविध समूह था. उनमें एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अंटार्कटिका से जेनेरा शामिल थे.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ब्रिटेन के बीच प्रवास एवं आवागमन संबंधी समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
यह समझौता-ज्ञापन भारत सरकार और ब्रिटेन की महारानी की सरकार (इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और आयरलैंड) तथा उत्तरी आईलैंड के बीच है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रवासन और आवागमन भागीदारी समझौते पर दस्तखत के बाद कहा कि इस करार से दोनों देशों के बीच रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे.
इस समझौता-ज्ञापन से भारतीय छात्रों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं, पेशेवरों और आर्थिक कारणों से प्रवास करने वाले लोगों को लाभ मिलेगा. इससे उन लोगों को भी लाभ होगा, जो जाति, आस्था, धर्म या लैंगिक विचारों को दरकिनार करके दोनों देशों के बीच आर्थिक विकास के लिये विभिन्न परियोजनाओं के जरिये स्वेच्छा से योगदान करना चाहते हों.
कोरोना की तीसरी लहर बेहद खतरनाक, जानिए वैज्ञानिक के इस दावे की बड़ी बातें
विजय राघवन के अनुसार, नए म्यूटेंट से निपटने के लिए वैक्सीन को अपडेट करना ज़रूरी था. वह मानते हैं कि वायरस ने जब म्यूटेट करना शुरू किया उसके बावजूद इसके संक्रमण को रोकने के लिए लोगों द्वारा अपनाई जा रही सावधानियों में कोई बदलाव नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि हमें कोविड के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वैक्सीन लगवाना चाहिए.
वैज्ञानिक सलाहकार ने यह भी कहा कि वायरस के स्ट्रेन पहले स्ट्रेन की तरह की फैल रहे हैं. इनमें नई तरह के संक्रमण का गुण नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वेरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन प्रभावी हैं. देश और दुनिया में नए वेरिएंट्स आएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि एक लहर के खत्म होने के बाद सावधानी में कमी आने से वायरस को फिर से फैलने का मौका मिलता है.
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