टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 21 मई 2021 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से आतंकवाद विरोधी दिवस और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
आतंकवाद विरोधी दिवस 2021: जानिए इस दिवस का इतिहास और महत्व
प्रत्येक साल 21 मई को मनाए जाने वाले आतंकवाद विरोधी दिवस पर युवाओं सहित समाज के अन्य वर्गों को आतंकवाद विरोधी शपथ दिलाई जाती है. आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों, आतंकवाद के कारण आम जनता को हो रहीं परेशानियों, आतंकी हिंसा से दूर रखना है.
आतंकवाद विरोधी दिवस के दिन ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु हुई थी इसलिए इस रोज कई जगहों पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. आतंकवाद और उसके दुष्प्रभावों को उजागर करने के लिए बड़े पैमाने पर शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन रैलियां निकालकर भी लोगों को जागरूक किया जाता है.
अंटार्कटिका में टूटा दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड, जानें इसका आकार
इस हिमखंड की लंबाई लगभग 170 किमी है जबकि इसकी चौड़ाई करीब 25 किमी है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के अनुसार अंटार्कटिका के वेडेल सागर में रोने आईस शेल्फ के पश्चिम हिस्से में हुआ है. इसका पता ईएसए ने कॉपरनिकस सेंटीनल सेटेलाइट से लगाया है.
विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण अंटार्कटिका की बर्फ की चादर गर्म होकर पिघल रही है. इस वजह से ग्लेशियर पीछे हट रहे हैं. जैसे ही ग्लेशियर पीछे हटते हैं, बर्फ के टुकड़े टूट जाते हैं और समुद्र में तब तक तैरते रहते हैं जब तक कि वे पूरी तरह से अलग नहीं हो जाते या जमीन से टकरा नहीं जाते.
वर्ष, 1948 में इजरायल को बनाया गया यहूदी राज्य, यहां पढ़ें महत्त्वपूर्ण जानकारी
यहूदी लोगों ने 4,000 से अधिक वर्षों से इज़राइल की भूमि पर अपना दावा किया है, जो प्रागैतिहासिक काल से पहले की अवधि है. यहूदी लोगों का यह दावा है कि, परमेश्वर ने पितामह इब्राहिम को इजराइल की भूमि देने का वादा किया था.
इजरायल दो हजार वर्षों में दुनिया का पहला यहूदी राज्य है. आधुनिक समय का इज़राइल ज़िओनिज़्म आंदोलन के दौर में अपने मूल तक वापस जाता है जब पत्रकार थियोडोर हर्ज़ल ने यहूदी राज्य की वकालत यहूदी-विरोधी भावना के समाधान के तौर पर करनी शुरू कर दी थी.
केंद्र सरकार ने राज्यों से ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने को कहा, जानें वजह
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर ब्लैक फंगस के लिए अलर्ट किया है. वहीं राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु इस ब्लैक फंगस को पहले ही महामारी घोषित कर चुके हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को इसकी जांच, निदान और प्रबंधन पर स्वास्थ्य मंत्रालय व आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा है कि फंगस संक्रमण का परिणाम कोविड रोगियों में दीर्घकालिक रुग्णता और मौतों की संख्या में वृद्धि के रूप में सामने आ रहा है.
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