केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कोरोना वायरस से निपटने के लिए घोषित किये गये 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान आम लोगों हेतु आवश्यक सेवाओं का निर्बाध परिचालन एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है. गृह सचिव ने स्पष्ट किया कि प्रिंट मीडिया के लिए छूट के तहत अखबार आपूर्ति की व्यवस्था को भी अनुमति दी गयी है.
गृह सचिव ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक पत्र में कहा कि बंद की अवधि के दौरान पैकेटबंद सामग्री सहित दुग्ध संग्रहण और वितरण की आपूर्ति शृंखला को भी अनुमति दी गयी है. उन्होंने बताया कि हैंडवाश, साबुन, मुंह धोने वाली सामग्री जैसे साफ-सफाई के सामान, बैटरी और चार्जर की भी अनुमति दी गयी है.
मंत्रालय ने क्या कहा?
मंत्रालय ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता के लिए आवश्यक सभी सेवाओं एवं वस्तुओं संबंधी विनिर्माण, प्रसंस्करण, परिवहन, वितरण, भंडारण, कारोबार एवं साजो सामान हेतु आवश्यक निर्बाध परिचालन सुनिश्चित करना भी जरूरी है.
भोजन मुहैया कराने के लिए राहत शिविर स्थापित
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने हाल ही में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में उन्हें यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रवासी श्रमिकों समेत बेघर लोगों को आश्रय एवं भोजन मुहैया कराने हेतु राहत शिविर स्थापित किए जाए.
गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन कानून लागू करने के लिए पहले ही आदेश दे दिया है. इस कानून के तहत जिला प्राधिकारियों को प्रवासी श्रमिकों का आवागमन रोकने हेतु अतिरिक्त कदम सख्ती से लागू करने और उन्हें पृथक रहने की सुविधाएं, आश्रय एवं भोजन मुहैया कराने तथा यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि उनके वेतन का भुगतान किया जाए और उनके मकान-मालिक उन्हें घरों से नहीं निकालें.
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प्रवासी कामगारों की आवाजाही रोकना
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनों से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (बंद) के दौरान प्रवासी कामगारों की आवाजाही को रोकने के लिए प्रभावी तरीके से राज्य और जिलों की सीमा सील करने को कहा है. लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों को 14 दिन के लिए पृथक केंद्र भेजा जाएगा.
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने हेतु 24 मार्च को 21 दिनों के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी. केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गैर-आवश्यक सामानों के परिवहन पर रोक लगा दी थी, इस दौरान केवल उन्हीं वाहनों को प्रवेश की अनुमति थी जो आम जनजीवन के लिए जरूरी सामान लेकर आ रहे थे. हालांकि केंद्र सरकार ने अब आवश्यक और गैर-आवश्यक के परिवन को अनुमति दे दी है.
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