विश्व के प्रतिष्ठित मेडिकल और साइंस जर्नल 'साइंस इम्मियुनोलॉजी' में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथथेम्प्टन की प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों ने ज़ीका, डेंगू तथा हेपेटाइटिस आदि जानलेवा बीमारियों के वायरस की रोकथाम के लिए वैक्सीन बनाने की दिशा में सफलता हासिल की.
इस शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र के मौलिक भाग नेचुरल किलर सेल्स (एनके सेल्स) कई तरह की जानलेवा बीमारियों के वायरस से लड़ने में और इनके इलाज़ में बहुमूल्य योगदान प्रदान कर सकता है.
मुख्य बिंदु
• शोधकर्ताओं ने इस शोध में हेपेटाइटिस-सी से ग्रसित 300 रोगियों के डीएनए का अध्ध्यन किया.
• शोध में यह बात सामने आई है कि नेचुरल किलर सेल्स के एक रिसेप्टर केआईआर2डीएस2 (KIR2DS2) की मदद से ज़ीका, डेंगू तथा हेपेटाइटिस सी के वायरस को निष्क्रिय किया जा सकता है.
• इनके इलावा उनकी टीम ने एक नई तकनीक का उपयोग कर यह दिखाया कि एक ही टीके से कई वायरसों से प्रतिरक्षा संभव है.
• शोधकर्ताओं ने वायरस के कोट प्रोटीन को टारगेट न करके नॉन-स्ट्रक्चरल प्रोटीन एनएस-3 हेलीकेज़ को टारगेट किया.
• यह वैक्सीन नेचुरल किलर सेल्स पर आधारित है जो मनुष्य के प्रतिरक्षा तंत्र का मौलिक हिस्सा होगी.
शोध टीम के मार्गदर्शक प्रोफेसर सलीम खाकू ने कहा कि शोध के परिणाम काफी उत्साहवर्धक हैं लेकिन इसको प्रयोग में लाने से पहले इस प्रयोगशाला में कई तरह की परिस्थितियों में परीक्षण करना होगा.
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भारत के लिए विशेष क्यों?
इस खोज में भारतीय वैज्ञानिक डॉक्टर मुमताज नैय्यर भी शामिल हैं. डॉ मुमताज इंग्लैंड के प्रसिद्ध साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय में पांच साल से भी अधिक से भी पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च एसोसिएट के रूप में कार्यरत हैं. उन्होंने नेशनल सेंटर फॉर सेल साइंस,पुणे,भारत से इम्यूनोलॉजी में पीएचडी की डिग्री हासिल की. इसके अतिरिक्त उन्होंने मास्टर ऑफ साइंस बायोटेक्नोलॉजी दिल्ली स्थित जामिया हमदर्द से उत्तीर्ण किया.
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