विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में यह घोषणा की कि भारतीय राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल बेंचमार्क टूल की सभी शर्तें पूरी करता है.
यह घोषणा संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की रिव्यु समिति की बैठक के दौरान की गयी जिसका आयोजन 13 फरवरी से 17 फरवरी 2017 के मध्य किया गया.
मुख्य बिंदु
• डब्ल्यूएचओ ने एनआरएआई को सर्वोच्च रैंकिंग प्रदान की तथा कहा कि यह सभी शर्तें पूरी करता है.
• इस संदर्भ में 14 भिन्न तरीकों से छानबीन की गयी जिसमें 9 में भारतीय प्राधिकरण चार स्तरीय मानकों पर खरा उतरा.
• चार स्तरीय मानक का अर्थ है कि उस संस्था अथवा नियामक की रेटिंग सर्वोत्तम स्तर की है. इसके अतिरिक्त तीसरे स्तर का अर्थ व्यवस्थित प्रक्रिया आधारित दृष्टिकोण, व्यवस्थित सुधार के शुरुआती चरण में, डेटा की उपलब्धता में सुधार है.
मूल्यांकन का महत्व
• सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के निर्यात के बाद दवा उत्पादों का निर्यात भारत में दूसरे स्थान पर है.
• एक अनुमान के अनुसार भारतीय दवा कम्पनियों द्वारा 2014-15 में 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया गया.
• इसके अतिरिक्त, भारत संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल कोष (यूनिसेफ) के लिए टीकों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है.
• इस पृष्ठभूमि में भारत के टीका विनियमन कार्यक्रम का मूल्यांकन किया जा सकता है.
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