केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा लोक सभा में बजट पेश करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी सराहना की. पीएम के शब्दों में यह एक साहसिक बजट है. आम बजट 2017 -18 में दाल से लेकर डाटा तक पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.
प्रधानमंत्री के अनुसार बजट 2017-18 में प्रत्येक वर्ग हेतु कुछ ना कुछ उपयोगी है. प्रधान मंत्री के अनुसार बजट देशवासियों के सपने साकार करेगा और देश में विश्वास का माहौल पैदा होगा.
आम बजट 2017-18 अर्थतंत्र को प्रोत्साहित करने वाला होगा. बजट में हाईवे बनाने का प्रावधान किया गया. रेलवे के आधुनिकीकरण से लेकर शिक्षा-स्वास्थ्य, उद्योग-उद्ममी, टैक्स रियायत भी इस बजट में पूर्ण रूपेण प्रदान की गयी हैं.
रेल और आम बजट के विलय से लाभ-
- अब तक के इतिहास में 1924 के बाद रेल बजट पहली बार आम बजट के साथ प्रस्तुत किया गया.
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि रेल बजट को आम बजट में विलय करने से योजना तैत्यार करने में मदद मिलेगी.
- इससे भारतीय रेलवे और अधिक बेहतर तरीके से देश के विकास में योगदान दे कर पाएगा.
- कृषि, व अन्य संसाधनों हेतु इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा.
- रेल सुरक्षा फंड सिक्युरिटी के लिहाज से बजट अधिक मह्तेपूर्ण है.
- योजनाओं के बजट में भी काफी बढ़ोतरी का प्रावधान किया गया है.
- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य देश की आर्थिक स्थिति को अत्यधिक मजबूती प्रदान करेगा.
- बजट में सबसे ज्यादा जोर किसान, दलित, पीड़ित, शोषित पर है.
- आम बजट 2017-18 के प्रस्ताव ग्रामीण जीवन में उत्साह जनक बदलाव लाएंगे.
कौशल विकास-
- आम बजट 2017-18 में इलेक्ट्रॉनिक और टैक्सटाइल क्षेत्र को बड़ी राशि प्रदान की गई है. कौशल विकास मुख्य रूप से युवाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है. कौशल विकास के प्रोत्साहन हेतु बजट में समुचित धनराशी का प्रावधान किया गया है.
- रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन (रीयल स्टेट) की बड़ी भूमिका है. रीयल स्टेट को भी बजट में प्रोत्साहित किया गया.
- बजट के प्रावधानों से टैक्स चोरी रुकेगी और काले धन का प्रवाह रुकेगा
- वित्त मंत्री ने कर प्रणाली में जो सुधार किए हैं, उससे मध्यम वर्ग को राहत और रोजगार के अवसर मिलेंगे.
- भेदभाव खत्म होगा और निजी निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा.
कर (टैक्स) रियायत-
- आम बजट 2017-18 में टैक्स में भी छूट प्रदान की गई है. इसमें 10% टैक्स से 5% कटौती की गई है.
- नौकरी के अवसर देश में छोटे-मध्यम उद्योग से आते हैं. छोटे-मध्यम उद्योग को आम बजट 2017-18 में भरपूर रियायत प्रदान की गयी है.
- सरकार ने छोटे-मध्यम उद्योग के कर दायरे को बढ़ाया और टैक्स को भी कम किया. इससे छोटे-मध्यम उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतियोगी बनने में मदद करेगा.
- इस बात का ध्यान रखा गया है कि लोगों की खरीदने की ताकत बढ़े. यानि आम जनता की बाजार खर्च को बढ़ने के प्रयास भी बजट में किए गए हैं.
- प्रधान मंत्री ने राजनीतिक चंदे को लेकर राजनीतिक दल पर होने सवालों का जिक्र किया और कहा कि इस पर भी बजट में ध्यान केन्द्रित किया गया है.
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