प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 15 मार्च 2017 को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी हेतु पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप विधेयक,2017 को मंजूरी प्रदान की गयी.
इस प्रस्तावित विधेयक द्वारा 15 भारतीय तकनीकी सूचना संस्थानों को वैधानिक दर्जा दिया गया है. इस विधेयक द्वारा इन सभी संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा दिया गया है.
इसके अतिरिक्त यह विधेयक इन संस्थानों को छात्रों को डिग्री देने तथा उनके अकादमिक कोर्स पूरे कराने का अधिकार भी देता है.
आईआईआईटी पीपीपी विधेयक, 2017
• प्रस्तावित आईआईआईटी पीपीपी विधेयक 2017 के संबंध में कोई वित्तीय निहितार्थ नहीं है.
• विधेयक से आईआईआईटी को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप कार्यक्रम द्वारा राष्ट्रीय महत्व का घोषित किया जायेगा तथा यह डिग्री भी देने में सक्षम होगा.
• यह विधेयक संस्थानों को बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक), मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी (एमटेक) एवं पीएचडी कार्यक्रमों के नामकरण का उपयोग करने का अधिकार देगा.
• सूचना प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग या पीएचडी में औपचारिक डिग्री से स्नातक छात्रों की रोज़गार की संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा.
• औपचारिक डिग्री दिए जाने से देश में अनुसंधान कर रहे छात्रों का एक बड़ा समूह तैयार होगा जिससे सूचना एवं प्रोद्योगिकी क्षेत्र में लाभ होगा.
• प्रत्येक संस्थान प्रत्येक छात्र के लिए खुला होगा. इसमें लिंग, जाति, पंथ, विकलांगता, अधिवास, जातीयता, सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि के भेदभाव के बिना दाखिला लिया जा सकेगा.
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