केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने देश के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और फिर से जीवित करने के प्रयास के मद्देनजर 21 जनवरी 2015 को राष्ट्रीय विरासत विकास एवं संवर्धन योजना (हृदय) का शुभारंभ किया.
हृदय की मुख्य बातें
• हृदय के अंतर्गत विरासत स्थलों के एकीकृत, समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देना, स्मारकों के रख–रखाव पर फोकस करना और संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को उन्नत बनाने की योजना है.
• हृदय के आरंभिक चरण में 12 विरासत शहरों को चुना गया है जिन्हें फिर से जीवंत बनाया और विकसित किया जाएगा. केंद्र सरकार इन शहरों को 500 करोड़ रुपये देगी.
• योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित होगी ताकि अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विरासत स्थलों के आस पास बुनियादी संरचना औऱ सुविधाएं मुहैया कराई जा सके.
शहर की आबादी के आधार पर इन 12 शहरों को धनराशि आवंटित की गई है
शहर | धनराशि |
---|---|
वाराणसी | 89.31 करोड़ रुपये |
अमृतसर | 61.39 करोड़ रुपये |
वारांगल (तेलंगाना) | 40.54 करोड़ रुपये |
अजमेर | 40.04 करोड़ रुपये |
गया | 40.04 करोड़ रुपये |
मथुरा | 40.04 करोड़ रुपये |
कांचीपुरम | 23.04 करोड़ रुपये |
वेल्लनकिनि | 22.26 करोड़ रुपये |
अमरावती (आंध्र प्रदेश) | 22.26 करोड़ रुपये |
बादामी (कर्नाटक) | 22.26 करोड़ रुपये |
द्वारका (गुजरात) | 22.26 करोड़ रुपये |
पुरी | 22.54 करोड़ रुपये |
Comments
All Comments (0)
Join the conversation