केंद्र सरकार ने 26 मार्च 2016 को आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडियों, लाभों और सेवाओं की लक्षित आपूर्ति) अधिनियम 2016 को अधिसूचित किया.
आधार द्वारा आवंटित संख्या के आधार पर लाभार्थियों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी और लाभ के स्थानांतरण में इस्तेमाल किए जाने को सांविधिक दर्जा मिल गया है.
इसका प्रयोग उन सभी लाभों के लिए किया जाएगा जो भारत की समेकित निधि से दिए जाते हैं. इस कानून के बारे में आधार विधेयक को संसद ने 16 मार्च को मंजूरी दी थी.
आधार अधिनियम-2016 के प्रमुख बिंदु
• इसमें यह प्रावधान है कि केंद्र और राज्य सरकारें दोनों लाभ और सबसिडी के वितरण के लिए आधार का इस्तेमाल कर सकती हैं.
• अधिनियम के अनुसार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) को महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों, शारीरिक रूप से अक्षम लोगों, अकुशल और असंगठित कामगारों को आधार नंबर जारी करने के लिए विशेष उपाय करने होंगे.
• इसमें भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान है जिसमें चेयरपर्सन (पूर्णकालिक या अस्थायी) और दो सदस्य (अस्थायी) होंगे.
• सबसिडी और लाभ के स्थानांतरण में दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी.
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