यूपी विधि आयोग ने की सिफारिश, धर्मांतरण रोकने हेतु बनेगा कठोर कानून

Nov 22, 2019, 16:39 IST

आयोग का मानना है कि मौजूदा कानून धर्म परिवर्तन को रोकने में पर्याप्त नहीं है, इसलिए उत्तर प्रदेश में नया कानून बनाया जाना चाहिए. आयोग के अनुसार, इस कानून के दायरे में छल-कपट, लालच, पैसे देकर धर्म परिवर्तन के लिए किए गए विवाह भी आएंगे.

UP State Law Commission
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उत्तर प्रदेश (यूपी) राज्य विधि आयोग ने अपने मसौदे में सिफारिश की है कि राज्य में जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर सात साल की जेल हो सकती है. आयोग ने जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर कठोर कानून बनाने एवं कड़ी सजा की सिफारिश की है.

सिफारिशों के अनुसार, यदि कोई धर्म परिवर्तन के लिए शादी कर रहा है, तो उसे सात साल की जेल हो सकती है. इतना ही नहीं यह शादी भी अवैध मानी जाएगी. विधि आयोग ने इसके लिए ‘उत्तर प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2019' का मसौदा तैयार कर मुख्यमंत्री को दे दिया है. आयोग के अध्यक्ष एएन मित्तल ने मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मिलकर यह ड्रॉफ्ट सौंपा.

मुख्य बिंदु

• आयोग का मानना है कि मौजूदा कानून धर्म परिवर्तन को रोकने में पर्याप्त नहीं है, इसलिए उत्तर प्रदेश में नया कानून बनाया जाना चाहिए.

• आयोग के अनुसार, इस कानून के दायरे में छल-कपट, लालच, पैसे देकर धर्म परिवर्तन के लिए किए गए विवाह भी आएंगे.

• ड्राफ्ट में कहा गया है कि तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में जबरन धर्म परिवर्तन को प्रतिबंधित करने के लिए कठोर कानून बनाए गए हैं.

• आयोग ने अपने ड्राफ्ट में सिफारिश की है कि यूपी में भी धर्म परिवर्तन को रोकने हेतु कठोर कानून बनाना बहुत जरूरी है. आयोग के अनुसार, राज्य में बहुत बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन हो रहा है.

• विस्तृत रिपोर्ट 268 पृष्ठों में प्रकाशित की गई है. इस ड्राफ्ट में देश के अतिरिक्त नेपाल, पाकिस्तान, म्यांमार आदि कानूनों को अध्ययन किया गया.

• राज्य सरकार रूपांतरण में शामिल किसी भी संगठन को कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करेगी.

‘घर वापसी’ अपराध नहीं होगा

ड्राफ्ट में कहा गया है कि यदि किसी ने दूसरा धर्म अपना लिया था लेकिन वे अपने पुराने धर्म में दोबारा लौटना चाहता है, तो उसे अपराध नहीं माना जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया को ‘घर वापसी’ के नाम से जाना जाता है. ड्राफ्ट में कहा गया था कि यूपी में बहुत बड़ी संख्या में जबरन धर्म परिवर्तन हो रहा है. कुछ लोग लव जिहाद की आड़ में धर्म को निशाना बना रहे हैं. इसके अतिरिक्त पहचान छुपाकर तथा प्रलोभन देकर भी धर्म परिवर्तन होता है.

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धर्म परिवर्तन के लिए शपथ पत्र जरुरी होगी

ड्राफ्ट में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे एक महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट या उसके द्वारा हस्ताक्षरित अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा. उस व्यक्ति को पहले यह भी घोषित करना होगा कि यह धर्म परिवर्तन धोखा, लालच, जबरन या किसी अन्य प्रभाव में नहीं किया जा रहा है. इतना ही नहीं धर्म परिवर्तन करने वाले धर्म गुरुओं को भी प्रस्तावित फॉर्म भरकर एक महीने की नोटिस देनी होगी.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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