आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने 10 दिसंबर 2018 को इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के पीछे उन्होंने निजी कारणों को जिम्मेदार बताया है. विदित हो कि केंद्र सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के बीच पिछले काफी समय से विवाद चल रहा था.
उर्जित पटेल के इस्तीफे की बात पहले भी सामने आई थी तब सरकार ने बयान जारी कर कहा कि रिजर्व बैंक की स्वायत्तता रिजर्व बैंक के एक्ट के तहत जरूरी है. उर्जित पटेल ने कहा है कि उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि आरबीआई में काम करना मेरे लिए सम्मान की बात है.
उर्जित पटेल के बारे में जानकारी
• उर्जित पटेल का जन्म 28 अक्टूबर 1963 को हुआ. उन्होंने सितंबर 2016 में रघुराम राजन की सेवानिवृत्ति के बाद यह पद ग्रहण किया था.
• उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के रूप में कार्य कर चुके हैं.
• येल यूनिवर्सिटी से पीएचडी डॉ. उर्जित पटेल 7 जनवरी 2013 को डिप्टी गवर्नर के रूप में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े.
• वे आईडीएफसी लिमिटेड में प्रमुख पॉलिसी ऑफिसर भी रह चुके हैं.
• डॉ. पटेल को वित्त, ऊर्जा और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 17 वर्षों का लंबा अनुभव प्राप्त है.
• डॉ. पटेल में ऊर्जा मंत्रालय और आर्थिक मामलों से जुड़े विभाग में भी 1998 से 2001 तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
• वर्ष 1995 से 1997 तक डॉ. उर्जित आरबीआई में कंसल्टेंट के रूप में भी कार्यरत रहे.
पृष्ठभूमि
कुछ समय पूर्व से यह माना जा रहा था कि यदि सरकार रिजर्व बैंक का सेक्शन 7 लागू करती है तो उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं. रिजर्व बैंक के सेक्शन 7 के तहत सरकार को ये अधिकार है कि वो आरबीआई के गवर्नर को गंभीर और जनता के हित के मुद्दों पर काम करने के लिए निर्देश दे सकती है. हालांकि, वित्त मंत्रालय ने आरबीआई को लेकर बयान जारी कर कहा था कि आरबीआई की स्वायत्ता जरूरी है और सरकार उसकी स्वायत्तता का सम्मान करती है.
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