अमेरिकी अंतरिक्ष बल ने कोरोना वायरस के बावजूद पहला मिशन किया लॉन्च

Mar 27, 2020, 19:40 IST

एईएचएफ-6 लॉकहीड मार्टिन एईएचएफ समूह का छठा एवं अंतिम उपग्रह था. कोरोना वायरस के सबसे अधिक पॉजिटिव केसों के मामलों में चीन-इटली को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका पहले स्थान पर पहुंच गया है.

US Space Force
US Space Force

यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस फोर्स ने 26 मार्च 2020 को अंतरिक्ष में एक अति-सुरक्षित मिल्ट्री कम्युनिकेशन्स सैटेलाइट भेजकर अपना पहला राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन शुरू किया है. हालांकि, अमरीका के अधिकतर भागों में इन दिनों कोरोना वायरस महामारी फ़ैली हुई है तो भी,इस देश ने यह कदम उठाया है.

लॉकहीड मार्टिन एडवांस्ड एक्स्ट्रीमली हाई फ्रीक्वेंसी (एईएचएफ) उपग्रह का एटलस वी551 रॉकेट के जरिए दोपहर चार बजकर 18 मिनट (20:18 अंतरराष्ट्रीय समयानुसार) पर फ्लोरिडा के केप केनवरल से प्रक्षेपण किया गया. ऐसा माना जा रहा है कि यह AEHF-6 लॉकहीड मार्टिन का AEHF सेगमेंट में छठा और आखिरी सैटेलाइट है.

सैटेलाइट के फायदे

• लॉकहीड मार्टिन ने एक बयान में कहा कि यह सैटेलाइट जमीन, समुद्री और हवाई प्लेटफार्मों पर सामरिक नियंत्रण और सामरिक युद्धों के लिए ग्लोबल, प्रेषण योग्य और संरक्षित संचार क्षमता उपलब्ध करायेगी. यह परमाणु युद्ध के दौरान भी अमेरिकी मिल्ट्री फ़ोर्स के लिए एक लाइफ-लाइन के तौर पर काम करेगी.

• इस सिस्टम में एन्क्रिप्शन, इंटरसेप्शन और डिटेक्शन की कम संभावना है और यह सिस्टम जैमर-रोधी होने के साथ ही परमाणु हथियारों के कारण विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप को भेदने में सक्षम है.

• दुनिया के नवीनतम युद्ध विराम डोमेन के तौर पर व्हाइट हाउस ने दिसंबर, 2019 में नई स्पेस फ़ोर्स निर्मित करने की घोषणा की थी.

यूएस स्पेस फ़ोर्स के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी

• यह स्पेस फ़ोर्स अमेरिकी सेना की एक नई डिवीज़न है जिसका डोनाल्ड ट्रम्प ने “अलग लेकिन समान” के तौर पर जिक्र किया है.

• यह आर्मी, नेवी, नेवल कॉर्प्स, कोस्ट गार्ड और एयर फ़ोर्स के बाद छठी सेवा है.

• अमरीका की योजना के अनुसार, इस स्पेस फ़ोर्स में 3 यूनिट्स होंगे. स्पेस कमांड के प्रमुख अधिकारी सबसे वरिष्ठ जनरल होंगे जो युद्ध ऑपरेशन्स की देखरेख करेंगे.

• स्पेस डेवलपमेंट एजेंसी नई तकनीकों की पहचान और विकास से जुड़े काम संभालेगी.

• इसकी तीसरी यूनिट स्पेस ऑपरेशन्स फ़ोर्स है जिसे लीडर्स और फाइटर्स के विशेष ज्ञान और जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है.

• अमरीका के रक्षा उपसचिव के मुताबिक,इस स्पेस फ़ोर्स के निर्माण में अरबों रुपये की लागत आयेगी.

प्रमुख लक्ष्य

इन स्पेस फ़ोर्सेज का उद्देश्य अंतरिक्ष में अमरीका की ताकत और प्रभाव को साबित करना है.इससे  चीन और रूस की सेनाओं पर भी अमरीका की धाक जमेगी.

Jagran Josh
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Education Desk

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