वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी राचर्ला साम्राज्यम का 6 फरवरी 2017 को विशाखापत्तनम में निधन हो गया. वे 98 वर्ष की थीं. उनके पुत्र सारंग राव हैं.
वे वर्ष 1942 में अनंतपुर में हिंदी प्रचारक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान भारत छोड़ो आंदोलन से प्रभावित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुईं. वे प्रशिक्षण कार्यक्रम छोड़कर भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हो गयीं.
राचर्ला साम्राज्यम
• उनका जन्म अप्रैल 1919 में आंध्र प्रदेश के गोपाराजू वेंकट सुब्बा राव एवं राज्यलक्ष्मी के घर हुआ. वे सामाजिक कार्यकर्ता गोरा की छोटी बहन थीं.
• भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेते समय उन्हें बेज़ावाडा (अब विजयवाड़ा नाम से प्रसिद्ध) में गिरफ्तार किया गया. उन्हें छह महीने के लिए 1944 में राया वेल्लोर जेल भेजा गया.
• जी दुर्गा बाई की शिक्षा से प्रेरणा प्राप्त करके उन्होंने 1945 में ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में भाग लेना आरम्भ किया.
• उन्होंने पूर्वी गोदावरी जिले के सीताग्राम में विभिन्न समाजसेवी कार्यों में अपना योगदान दिया. उन्होंने यहां जून 1946 से लेकर अगले 34 वर्षों तक सेवा कार्य किये.
• उन्हें केंद्र सरकार द्वारा 1972 में ताम्र पत्र से सम्मानित किया गया.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation