Wheat Export Ban: भारत सरकार ने हाल ही में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये रोक इसलिए लगाई गई है क्योंकि देश में गेहूं का संकट हो गया है. दावा किया जा रहा है कि सरकारी योजनाओं हेतु भी गेहूं कम पड़ने की आशंका है.
केंद्र सरकार ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी कर इस बात की जानकारी दी. सरकार ने स्थानीय कीमतों को काबू में रखने हेतु यह कदम उठाया है. आपको बता दें कि भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है.
गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध
भारतीय सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया कि देश की समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने एवं पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की जरूरतों का समर्थन करने हेतु, केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.
अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने हेतु भारत सरकार द्वारा दी गई अनुमति के आधार पर एवं सरकारों के अनुरोध के आधार पर निर्यात की अनुमति दी जाएगी. भारत सरकार पड़ोसी एवं अन्य कमजोर विकासशील देशों की खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु प्रतिबद्ध है.
गेहूं के निर्यात में बढ़ोतरी
रूस और यूक्रेन की बीच जारी जंग के कारण से गेहूं की अंतरराष्ट्रीय कीमत में लगभग 40 प्रतिशत तेजी आई है. इसकी कारण से भारत से गेहूं का निर्यात बढ़ गया है. मांग बढ़ने से स्थानीय स्तर पर गेहूं एवं आटे की कीमतों में भारी तेजी आई है.
खाद्य सामग्री के दाम में वृद्धि
पिछले काफी समय से देशभर में खाद्य सामग्री के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं. इस वजह से आम आदमी की जेब पर इसका असर देखने को मिल रहा है. वहीं पिछले साल के मुकाबले इस साल आटे की कीमत लगभग 13 प्रतिशत बढ़ गई है.
यह फैसला कब आया?
यह फैसला तब आया जब रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के वजह से वैश्विक कृषि बाजार गंभीर समस्या में है. इस अहम मोड़ पर G7 औद्योगिक देशों के मंत्रियों ने विश्वभर के देशों से प्रतिबंधात्मक कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया.
दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश
भारत, यूक्रेन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है. रूस एवं यूक्रेन के बीच युद्ध से गेहूं की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में करीब-करीब 40 प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली है. इस वजह से तेजी से भारत से गेहूं का एक्सपोर्ट हो रहा था. इस कारण से स्थानीय स्तर पर आटे एवं गेहूं की कीमतों में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है.
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