इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटरों ने जारी एशेज सीरीज के दौरान लॉर्ड्स के क्रिकेट ग्राउंड पर लाल रंग के नंबरों वाली स्पेशल जर्सी पहनकर खेलने उतरे. जिसके बाद क्रिकेट प्रेमी इस बात को जानने की कोशिश करने लगे कि इसके पीछे क्या कारण है.
दोनों टीमों के क्रिकेटरों ने एतिहासिक लॉर्ड्स के मैदान पर लाल रंग के नंबरों वाली जर्सी, फेफड़ों के कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने और रूथ स्ट्रॉस फाउंडेशन को सपोर्ट करने के लिए पहने थे. इस तरह की पहल दुनिया भर में गंभीर रोगों से जूझ रहे लोगों को सपोर्ट करने में अहम भूमिका निभाते है.
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ऐंड्र्यू स्ट्रॉस ने बनाया है यह फाउंडेशन:
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ऐंड्र्यू स्ट्रॉस ने इस फाउंडेशन की स्थापना की है जो फेफड़ों के कैंसर के लिए काम करता है. स्ट्रॉस की पत्नी रूथ का निधन फेफड़ों के कैंसर के कारण वर्ष 2018 में हो गया था. जिनकी याद में उन्होंने रूथ स्ट्रॉस फाउंडेशन की स्थापना की थी. लॉर्ड्स में दूसरे एशेज 2023 टेस्ट के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीम के खिलाड़ियों ने लाल-थीम वाली जर्सी पहनी थी.
इस दिन को 'रेड फॉर रूथ' नाम दिया गया:
इस दिन के खेल को "रेड फॉर रूथ" नाम दिया गया था, जो एंड्रयू स्ट्रॉस और क्रिकेट समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अर्थ रखता है. रुथ ने एंड्रयू स्ट्रॉस के क्रिकेट करियर को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी.
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने भी इस विशेष अवसर को सपोर्ट करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से इस पहल का समर्थन किया है. साथ ही इस सम्बन्ध में एक ट्वीट भी किया था.
दोनों टीमें लाल टोपी पहनकर मैदान पर उतरे जो एकता, सहानुभूति और समर्थन की एक मिशाल है. यह क्रिकेट जगत के भीतर मौजूद सार्थक मुद्दों पर एकजुटता को दर्शाता है.
क्या है 'रेड फॉर रूथ' डे?
एंड्रयू स्ट्रॉस ने दिल दहला देने वाली घटना के बाद रूथ स्ट्रॉस फाउंडेशन की स्थापना की थी. इस फाउंडेशन का लक्ष्य धूम्रपान न करने वाले फेफड़ों के कैंसर से प्रभावित परिवारों के लिए धन जुटाना है साथ ही इस बीमारी पर शोध को सपोर्ट करना है.
एंड्रयू स्ट्रॉस को इस फाउंडेशन की स्थापना की प्रेरणा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के दिग्गज ग्लेन मैकग्राथ से मिली, जिन्होंने अपनी दिवंगत पत्नी के सम्मान में जेन मैकग्राथ डे नामक फल की स्थापना की थी. ग्लेन मैकग्राथ की पत्नी जो स्तन कैंसर से पीड़ित थी.
धूम्रपान से दूर रहती थी रूथ:
46 वर्ष की आयु में रूथ स्ट्रॉस के निधन ने एंड्रयू स्ट्रॉस को इस तरह की पहल शुरू करने के लिए प्रेरित किया. रूथ स्ट्रॉस धूम्रपान भी नहीं करती थी, ऐसे में फेफड़ों के कैंसर को दुर्लभ माना जाता है. एंड्रयू स्ट्रॉस के जीवन की इस घटना ने उनसे उनके जीवनसाथी को ही छीन लिया.
जिस कारण रूथ स्ट्रॉस फाउंडेशन की स्थापना उनके लिए बहुत ही मायने रखता है और क्रिकेट जैसे बड़े प्लेटफार्म से इस तरह की पहल को सपोर्ट करने से ऐसे रोगों से जूझ रहे लोगों को काफी मदद करता है साथ ही मानसिक बाल भी प्रदान करता है.
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