Single Use Plastic Ban: केंद्र सरकार प्लास्टिक के बढ़ते इस्तेमाल को रोकने हेतु 01 जुलाई 2022 से सिंगल यूज वाले प्लास्टिक पर बैन लगाने जा रही है. बता दें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पिछले साल एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर प्रतिबंध की घोषणा की थी.
भारत के लिए मौजूदा समय में सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे बहुत बड़ी समस्या बनकर खड़ी हो चुकी है. पृथ्वी को यह एक हजार साल तक भी प्रदूषित कर सकती है. देश में सिंगल यूज प्लास्टिक (Ban on single use plastic) पर 01 जुलाई से पाबंदी लगने जा रही है.
In line with the notification issued by @moefcc , banning Single-Use Plastics (SUPs). CPCB issues NOTICE to inform all stakeholders to STOP manufacturing, stocking, sale & usage of SUPs with effect from July 1, 2022. Violators shall be penalised. @moefcc; @PIB_India; @DrGargava pic.twitter.com/wqxoPNHv2S
— Central Pollution Control Board (@CPCB_OFFICIAL) February 17, 2022
दिल्ली में भी सिंगल यूज प्लास्टिक बैन
दिल्ली में भी 01 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastic) से जड़े 19 उत्पादों पर बैन लगाया जा रहा हे. इन प्रोडक्ट को एक बार इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है. दिल्ली सरकार का पर्यावरण विभाग ने प्लास्टिक बैन का नियम न मानने वाले निर्माताओं, सप्लायर, डिस्ट्रिब्यूटर्स और रिटेलर्स पर कार्रवाई की बात कही है. सभी संबंधित पक्षों को इसके लिए सख्त निर्देश दे दिए गए हैं.
सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है?
सिंगल यूज प्लास्टिक को डिस्पोजेबल (Disposal) प्लास्टिक भी कहा जाता है. सिंगल-यूज प्लास्टिक एक बार इस्तेमाल होने के बाद छोड़ दिया जाता है. इस प्रकार के प्लास्टिक का हमेशा उचित तरीके से निपटान नहीं किया जाता है और इसे पुनर्नवीनीकरण (Recycle) भी नहीं किया जा सकता है. बता दें कि इस प्रकार के प्लास्टिक को उपयोग के बाद जला दिया जाता है या फिर लैंडफिल में दफन कर लिया जाता है, जो कि पर्यावरण को लम्बे वक्त तक नुकसान पहुंचाता है.
इन वस्तुओं पर प्रतिबंध क्यों?
बता दें प्लास्टिक न तो विघटित होता है और न ही जलाया जा सकता है क्योंकि यह प्रक्रिया के दौरान हानिकारक धुएं एवं खतरनाक गैसों को छोड़ता है. ऐसी प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने से सरकार को अपने प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन संख्या को कम करने में सहायता मिल सकती है.
उल्लंघन करने पर जुर्माना
यदि कोई भी व्यक्ति विशेष प्रतिबंध का उल्लंघन करता हुआ पकड़ा जाएगा तो उस पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत जुर्माना लगाया जा सकता है. बता दें उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर 5 साल तक की जेल या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों भी हो सकता है.
इस पर होगी पाबंदी
सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastic) से बने 19 उत्पादों को इस पाबंदी (Ban on Plastic) के दायरे में रखा गया है. इनमें गुब्बारों, झंडों, कैंडी, आइसक्रीम में लगने वाली प्लास्टिक स्टिक, कांटे, चाकू, तश्तरी के अलावा मिठाई के डिब्बों, थर्माकॉल से बनी प्लेट, कप, गिलास, प्लास्टिक के चम्मच, निमंत्रण पत्र और सिगरेट पैकेट की पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाली फिल्म और 100 माइक्रॉन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर भी शामिल हैं.
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