हाल ही में जारी किये गये मॉन्स्टर सैलरी इंडेक्स में यह बताया गया कि भारत में कामकाजी महिलायें पुरुषों की तुलना में 20 प्रतिशत कम वेतन प्राप्त करती हैं. मॉन्स्टर डॉट कॉम द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पूर्व 07 मार्च 2018 को यह सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की.
मॉन्स्टर पिछले कुछ वर्षों से भारत में कार्यरत लोगों पर सर्वेक्षण करता रहा है जिससे प्राप्त आंकड़ों के आधार पर देश में विद्यमान कामकाजी प्रवृत्ति का पता लगता है.
मॉन्स्टर सैलरी इंडेक्स के मुख्य तथ्य
• मॉन्स्टर सैलरी इंडेक्स के अनुसार पुरुषों को एक घंटा काम करने के बदले औसतन 231 रुपए मिलते हैं, जबकि महिलाओं को सिर्फ 184.8 रुपए दिए जाते हैं.
• एक वर्ष पहले की तुलना में यह अंतर कम हुआ है. वर्ष 2016 में महिलाओं को पुरुषों से 24.8% कम वेतन मिलता था.
• मॉन्स्टर की यह रिपोर्ट जनवरी 2015 से दिसंबर 2017 के दौरान किए गए सर्वे पर आधारित है.
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• मॉन्स्टर सैलरी इंडेक्स के लिए लगभग 5,500 महिलाओं और पुरुषों से बात की गयी.
• सर्वेक्षण में शामिल 69% लोगों ने कहा कि हर संस्थान को स्त्री-पुरुष में समानता को प्राथमिकता देनी चाहिए.
• यह भी पाया गया कि देश की केवल 10% कंपनियां ही पुरुषों और स्त्रियों में समानता को प्राथमिकता देती हैं.
• सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 36% प्रतिभागियों ने कहा कि वेतन का अंतर कम करने के लिए इंडस्ट्री को व्यावहारिक नीतियां अपनानी चाहिए.
• इस सर्वेक्षण के लिए मॉन्सटर डॉट कॉम ने पेचैकडॉट इन और आईआईएम अहमदाबाद की सहायता ली.
इसके अतिरिक्त मास्टरकार्ड आंत्रप्रेन्योर इंडेक्स में भारत काफी पिछड़ा हुआ पाया गया. महिला आंत्रप्रेन्योर पर मास्टरकार्ड के इंडेक्स में 57 देशों में भारत को 52वें स्थान पर रखा गया है. भारत अमेरिका और चीन जैसे देशों से काफी पीछे है. इसकी मुख्य वजह सामाजिक और आर्थिक स्तर पर महिलाओं के साथ भेदभाव को बताया गया है. इस सूची में न्यूजीलैंड शीर्ष पर, अमेरिका चौथे और चीन 29वें स्थान पर है.
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